सुप्रीम कोर्ट ने दूरदर्शन को दिया निर्देश, बनाइए ब्लू व्हेल गेम के खतरों पर फिल्म

Last Updated 28 Oct 2017 06:09:32 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दूरदर्शन को निर्देश दिया है कि ब्लू व्हेल चैलेन्ज जैसे दुस्साहसिक खेलों के खतरों के बारे में एक सप्ताह के अंदर दस मिनट की फिल्म तैयार करे.


ब्लू व्हेल गेम के खतरों पर फिल्म

और यह सुनिश्चत करे कि इसका प्रसारण दूरदर्शन और निजी चैनलों पर प्राइम टाइम के दौरान किया जाए. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अजय खानविलकर और धनंजय चन्द्रचूड़ की बेंच ने कहा कि केन्द्र सरकार यह कैसे करेगी, यह हमारी चिंता नहीं है. लेकिन आपको यह करना होगा. अदालत ने कहा कि इस तरह के ऑनलाइन खेल जीवन के लिए खतरा हैं और इन पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.

अदालत ने कहा कि अकेले और अवसाद  से ग्रस्त बच्चे अक्सर इस तरह के खतरनाक खेलों की ओर आकषिर्त होते हैं. बेंच ने केन्द्र से कहा कि उसे आवश्यक कदम उठाकर यह सुनिश्चत करना चाहिए कि ऐसी कोई और मौत नहीं हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दूरदर्शन ब्लू व्हेल गेम के खतरों के बारे में बच्चों को शिक्षित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के परामर्श से एक सप्ताह के भीतर  एक कार्यक्रम तैयार करेगा ताकि बच्चे इस खेल में संलिप्त नहीं हों. अदालत ने कहा कि सक्षम प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह कार्यक्रम निजी चौनलों पर भी प्रसारित हो.

केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पीएस नरसिम्हा ने कहा कि अभी तक देश के विभिन्न हिस्सों से इस तरह के खेलों से संबंधित करीब 28 मामलों का पता चला है और जांच एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं. उन्होंने जवाब देने के लिए अदालत से तीन सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक समिति गठित की है और तमाम सेवा प्रदाताओं से इस बारे में जानकारी मांगी गई है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो. अदालत ने केन्द्र को गृह मंत्रालय सहित संबंधित मंत्रालयों द्वारा उठाए गए कदमों के विवरण के साथ विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय देने के साथ ही जनहित याचिका पर सुनवाई 20 नवम्बर के लिए स्थगित कर दी.

अदालत अधिवक्ता स्नेहा कलिता की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में ब्लू व्हेल और जीवन के लिए खतरनाक ऐसे ही दूसरे ऑनलाइन खेलों को नियंत्रित करने और उनकी निगरानी के लिए दिशा निर्देश बनाने का अनुरोध किया गया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ब्लू व्हेल गेम्स को ब्लॉक करने के लिए एक पैनल गठित करने का निर्देश दिया था.

ट्रैप है ब्लू व्हेल गेम
-    टीन एजर्स गेम मानकर ब्लू व्हेल के जाल में फंस रहे हैं. सोशल मीडिया पर ब्लू व्हेल ऐप तलाशे जा रहे हैं, लेकिन असल में यह न तो गेम है और न ही ऐप है.
-    यह अपराधी किस्म के लोगों का एक ट्रैप है, जो दुनियाभर में करीब 130 लोगों की जान ले चुका है. बच्चे इसके आसान शिकार बन रहे हैं.
-    ‘ब्लू व्हेल’ को रूस के फिलिप बुडेईकिन ने तैयार किया था. उसे गिरफ्तार किया जा चुका है. वो तीन साल की सजा काट रहा है. गेम से पहली मौत का मामला 2015 में आया था.
-    गिरफ्तारी के बाद फिलिप ने कहा था, ‘गेम का मकसद समाज की सफाई करना है.’ फिलिप ने कहा था कि उसकी नजर में सुसाइड करने वाले सभी लोग ‘बायो वेस्ट’ थे.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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