अब नौकरशाहों का 360 डिग्री मू्ल्यांकन

Last Updated 13 Sep 2017 05:26:55 AM IST

नौकरशाहों के मूल्यांकन के परंपरागत तरीके की जगह 360 डिग्री मूल्यांकन ने ली है. मूल्यांकन की यह प्रणाली यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन में लागू है.


अब नौकरशाहों का 360 डिग्री मू्ल्यांकन

इस प्रणाली के तहत समकक्ष अधिकारियों, वरिष्ठ, कनिष्ठ और सुपरवाइजरी अधिकारियों के अलावा आम लोगों से फीड बैक लिया जाता है. मूल्यांकन के इस नए तरीके से नौकरशाहों में हड़कंप मचा हुआ है.

अभी तक की परंपरा के मुताबिक रिपोर्टिंग अधिकारी अपने अधीनस्थों की एसीआर लिखता था और 90 प्रतिशत मामलों में 10 में से अधिकतम नंबर यानी एक्सिलेंट देता था. इसकी वजह मानवीय आधार थी.

इसके अलावा रिपोर्टिंग अधिकारी सोचता था कि वह किसी की बुराई क्यों ले. इससे अधिकारी का सही मूल्यांकन नहीं हो पाता था.

वहीं, निजी क्षेत्र में मल्टी सोर्स फीडबैक (एमएसएफ) प्रणाली से मू्ल्यांकन होता है और यूरोपीय देशों में 360 डिग्री मूल्यांकन होता है ताकि लायक अधिकारियों को ही प्रमोशन मिले और उचित स्थान पर उसकी नियुक्ति हो सके.

तत्कालीन कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर ने परफॉम्रेस मैनेजमेंट इन गवर्नमेंट नाम से एक कंसलटेशन पेपर तैयार किया था. उसी आधार पर परफॉम्रेस अप्रेजल यानी कामकाज के प्रदर्शन का मूल्यांकन के बजाय 360 डिग्री मूल्यांकन पर जोर दिया गया है और केंद्र सरकार ने इसे अपना लिया है.

360 डिग्री मूल्यांकन में अधिकारी का संपूर्ण मू्ल्यांकन किया जाएगा. इसमें सीनियर, जूनियर, समकक्ष, पब्लिक, स्वयं और वास्तवित प्रदर्शन रिपोर्ट को शामिल किया जाएगा.

इसी आधार पर हाल में केंद्र सरकार ने अतिक्ति सचिव स्तर पर एक के बजाए दो बैचों 1987 और 1988 के अधिकारियों को इम्पैनलमेंट किया, क्योंकि इनमें से बहुत से अधिकारियों को 360 डिग्री मू्ल्यांकन में कमजोर पाया गया था.

रोशन
एसएनबी


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