सौ पिछड़े जिलों पर ज्यादा ध्यान दें अधिकारी : मोदी

Last Updated 24 Aug 2017 03:51:15 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिविल सेवा अधिकारियों से कहा है कि वे सुशासन पर जोर देते हुए देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों पर ध्यान केन्द्रित करें जिससे उन्हें विकास मानकों पर राष्ट्रीय औसत के करीब लाया जा सके.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)

मोदी ने बुधवार को शाम 70 से अधिक अतिरिक्त सचिवों एवं संयुक्त सचिवों के एक समूह से बातचीत की. प्रधानमंत्री की इन अधिकारियों के साथ पांच बैठकों की श्रृंखला के तहत यह पहली बैठक थी. बैठक में अधिकारियों ने डिजिटल एवं स्मार्ट गवर्नेंस, प्रशासनिक प्रक्रियाओं एवं जवाबदेही, पारदर्शिता, किसानों की आय दोगुनी करने, कौशल विकास, स्वच्छ भारत, उपभोक्ता अधिकार, पर्यावरण सुरक्षा और 2022 तक नए भारत के निर्माण जैसे विषयों पर अपने अनुभवों को साझा किया.
        
प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों के कल्याण एवं संतुष्टि के लिए विकास एवं सुशासन का संयोजन आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सुशासन, अधिकारियों के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए. सरकार के सभी अंगों में समरसता एवं तालमेल के साथ काम करने पर भी उन्होंने जोर दिया ताकि हरसंभव बेहतरीन परिणाम हासिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि निर्णय लेते समय गरीबों एवं साधारण नागरिकों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए.


        
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के लिए राष्ट्र के फायदे के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का यह एक अनूठा अवसर है. सरकार के विभिन्न विभागों के बीच कुशल आंतरिक संचार के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने निर्णय लेने में गति और दक्षता की आवश्यकता को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि अच्छे इरादे से लिए जाने वाले ईमानदार निर्णय को केंद्र सरकार द्वारा हमेशा प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को भारत के 100 सबसे पिछड़े जिलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा ताकि उन्हें विभिन्न विकास मानकों पर राष्ट्रीय औसत स्तर के करीब लाया जा सके.
       
श्री मोदी ने कहा कि दुनिया सकारात्मक उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रही है. पूरी दुनिया को लगता है कि वैश्विक संतुलन के लिए एक सफल भारत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले युवा सीमित संसाधनों के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं और खेलों में सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल कर रहे हैं और अधिकारियों को प्रतिभा के इस सहज उदय को बढ़ावा देने के लिए उसी उत्साह और ऊर्जा को याद करते हुए काम करना चाहिए जो उन्होंने अपनी सेवा के शुरूआती वष्रों के दौरान दिखाई होगी.

भाषा


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