नीति आयोग के चैंपियंस ऑफ चेंज कार्यक्रम में मोदी ने दिया एक और मंत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और मंत्र देते हुए कहा जिस तरह से महात्मा गांधी ने पूरे देश को स्वतंत्रता आंदोलन में सहभागी बना दिया था, ठीक उसी तरह आज हरेक नागरिक को विकास यात्रा में शामिल होना चाहिए.
नीति आयोग के चैंपियंस ऑफ चेंज कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करते हुए. |
उन्होंने कहा कि सरकार नजर में सभी समान हैं. उन्होंने उद्यमियों से विकास का सिपाही बनने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करने का आह्वान किया. उन्होंने साथ में यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि भारत कम-नकदी वाली अर्थव्यवस्था बने.
नीति आयोग द्वारा आयोजित चैंपियंस ऑफ चेंज कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में मोदी ने 200 से अधिक मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) तथा स्टार्टअप कंपनियों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए उनसे कृषि निर्यात बढ़ाने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करने को कहा.
विकास को जन आंदोलन बनाने की जरूरत : मोदी ने कहा कि गांधी जी ने आजादी को एक जन आंदोलन बनाया. हर सरकार ने भारत को आगे बढ़ाने की कोशिश की. लेकिन विकास जन आंदोलन नहीं बन पाया है. उन्होंने कहा, जिस उत्साह से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, हमें उसी भावना से भारत के विकास को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है.
दिवाली पर खादी कूपन बांटे : युवा उद्यमियों से विकास का सिपाही बनने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि साथ काम कर हम देश के समक्ष मौजूदा कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. मोदी ने उद्यमियों से दिवाली उपहार के रूप में खादी कूपन वितरित करने को कहा. भारत को कम नकदी वाला समाज बनने की ओर आगे बढ़ने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने सीईओ से नकद रहित लेन-देन के लिए भीम एप के उपयोग को प्रोत्साहित करने को कहा. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि 2022 तक उनके कर्मचारी नकद रहित लेन देन करने वाले बन सकें.
समृद्ध धरोहर पर गर्व करने का आह्वान : प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन और रोजगार सृजन की अपार संभावना का जिक्र करते हुए कहा, हम भारतीय अपने समृद्ध धरोहर पर गर्व नहीं करते. अगर हम गर्व के साथ इसके बारे में बात करते हैं तो दुनिया दौड़ी-दौड़ी आएगी. उन्होंने कहा कि वह भारत के लिए पूर्ण समाधान पर गौर कर रहे हैं. मोदी ने कहा, अगर यह पीढ़ी हमारी विभिन्न समस्याओं के व्यावहारिक समाधान के बारे में सोचे, बाजार और रोजगार खुद-ब-खुद सृजित होंगे. अपनी सरकार की विभिन्न पहल के बारे में जिक्र करते हुए मोदी ने जीईएम (गवर्नमेंट-ई-मार्केट) पोर्टल के बारे में बात की. इसे सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए हाल ही में पेश किया गया. उन्होंने कहा कि यहां तक कि छोटे आपूर्तिकर्ता भी अपने उत्पाद इस पोर्टल के जरिये सरकार को बेच सकते हैं. पिछले चार-छह महीनों में इस पोर्टल के जरिये 28,000 छोटे आपूर्तिकर्ताओं ने सरकार को 1,000 करोड़ रुपए मूल्य के सामान बेचे हैं.
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