पाक-बांग्लादेश में भी है तीन तलाक पर रोक

Last Updated 23 Aug 2017 03:23:09 AM IST

तीन तलाक पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद मुस्लिम समाज का एक वर्ग भले ही इस निर्णय को शरीयत में हस्तक्षेप बता रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि विश्व के 20 मुस्लिम देश ऐसे हैं जिन्होंने शरीयत को किनारा करते हुए तीन तलाक पर काफी पहले से ही रोक लगा रखी है.


सर्वोच्च न्यायालय

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में दिया विश्व के अन्य देशों के कानून का हवाला

पाकिस्तान व बंग्लादेश : पाकिस्तान व बंग्लादेश दोनों ही इस्लामिक देश हैं. दोनों देश सुन्नी मुसलमान बहुल हैं. यहां के मुस्लिम फैमिली लॉ आर्डिनेंस 1961 में तीन तलाक को प्रतिबंधित किया गया है.
मिस्र  : मिस्र के लॉ आफ पर्सनल स्टेटस 1929 में वर्ष 1985 में संशोधन कर चार धाराओं में तलाक को परिभाषित किया गया जिसके अनुसार तीन तलाक पूरी तरह प्रतिबंधित है.
ईराक : शिया बहुल ईराक अधिकारिक रूप से इस्लामिक देश है. यहां के कोड आफ पर्सनल स्टेटस 1959 को वर्ष 1987 में संशोधित कर तीन तलाक को प्रतिबंधित किया गया. इस कानून की धारा 35 के तहत तलाक को परिभाषित किया गया है.
जार्डन : जार्डन यूं तो धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन यहां सुन्नी मुसलमानों की बहुसंख्या है, यहां के कोड आफ पर्सनल स्टेटस 1976 की धारा 88, धारा 90, 94 व 98 में कानूनी तलाक की व्याख्या की गई है, जिसके अनुसार तीन तलाक प्रतिबंधित है.

कुवैत : सुन्नी बहुल कुवैत अधिकारिक रूप से मुस्लिम देश है. यहां के कोड आफ पर्सनल स्टेटस 1984 के कानून 51 के अनुच्छेद 102 व 109 में तलाक को परिभाषित करते हुए तीन तलाक को प्रतिबंधित किया गया है.
लीबिया :  सुन्नी मुस्लिम बहुल लीबिया मुस्लिम देश है. यहां के फैमिली एक्ट 1984 के अनुच्छेद 28, 29, 30 व 31 व 32 में तलाक को कानूनी दायरे में रखा गया है.
सीरिया : मुस्लिम बहुल सीरिया हालांकि अधिकारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन यहां की पर्सनल स्टेटस एक्ट 1953 के कानून 59 को  1975 के कानून 34 में संशोधित कर अनुच्छेद 89, 90, 92 व 94 में तलाक की कानूनी स्थिति को परिभाषित किया गया है.
ट्यूनीशिया : सुन्नी बहुल ट्यूनीशिया इस्लामिक देश है लेकिन यहां के पर्सनल स्टेटस कानून 1956 में वर्ष 1981 में संशोधन कर तलाक को कानून के दायरे में लाया गया.
संयुक्त अरब अमीरात : यह एक इस्लामिक संघ है. यहां के पर्सनल स्टेटस एक्ट 2005 के तहत मनमाने तलाक को प्रतिबंधित तथा तलाक को कानून के दायरे में लाने के साथ साथ पत्नी को मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है.
यमन : सुन्नी बहुल यमन  इस्लामिक देश है और यहां के पर्सनल स्टेटस एक्ट 1992 की धारा 61,64,65 व 66 तथा 67 में तलाक की व्याख्या की गई है तथा यह स्पष्ट किया गया है कि तलाक से विवाह भंग नहीं होगा.
श्रीलंका : श्रीलंका एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यहां  मुस्लिम मैरिज एण्ड डाइवोर्स एक्ट 1951 के तहत तलाक कानून के दायरे में है.
अल्जीरिया : अल्जीरिया अधिकारिक रूप से इस्लामिक देश है और यहां के कोड आफ फैमिली लॉ 1984  की धारा 49 में वर्ष 2005 में साोंधन कर तीन तलाक को प्रतिबंधित किया गया. कानून के अनुसार अदालत के बिना तलाक को स्थापित नहीं किया जा सकता.
इनके अलावा इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपीन्स, लेबनान, मोरक्को और सुडान आदि में भी तीन तलाक प्रतिबंधित है.

समयलाइव डेस्क


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