तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला थोड़ी देर में
उच्चतम न्यायालय मंगलवार को इस विवादित मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा कि मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक की परंपरा धर्म की मौलिकता में शामिल है या नहीं.
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प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने गर्मियों की छुट्टियों के दौरान छह दिन सुनवाई के बाद 18 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि वह संभवत: बहु विवाह के मुद्दे पर विचार नहीं करेगी और कहा कि वह केवल इस विषय पर गौर करेगी कि तीन तलाक मुस्लिमों द्वारा लागू किए जाने लायक धर्म के मौलिक अधिकार का हिस्सा है या नहीं.
प्रधान न्यायाधीश खेहर के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
पीठ ने तीन तलाक की परंपरा को चुनौती देने वाली मुस्लिम महिलाओं की अलग-अलग पांच याचिकाओं सहित सात याचिकाओं पर सुनवाई की थी.
याचिकाकर्ताओं का दावा था कि तीन तलाक की परंपरा असंवैधानिक है.
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