देश में गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा की जरूरत : राष्ट्रपति
देश में गुणवत्ता परक उच्च शिक्षा की वकालत करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को जालंधर में कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन आधारभूत संरचना होने के बावजूद छात्र विदेशों में अध्ययन के लिए जाते हैं जबकि सचाई यह है कि भारत ने सदियों तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व किया है.
![]() राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (फाईल फोटो) |
जालंधर फगवाडा रोड पर स्थित एक निजी विश्वविद्यालय लवली प्रोफेशनल युनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में देश में बेहतरीन आधारभूत संरचना तैयार किया गया है.
उन्होंने कहा, \'\'इसमें 700 से अधिक विश्वविद्यालय और आठ हजार से अधिक डिग्री कालेज हैं, लेकिन इसके बावजूद हमारे यहां से बच्चे उच्च शिक्षा के लिए आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में चले जाते हैं. हमें छात्रों के इस प्रवाह को रोकने की जरूरत है और ऐसे प्रयास किये जाने चाहिए कि यह प्रवाह विपरीत दिशा में हो.\'\'
मुखर्जी ने नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा, \'\'भारत ने सदियों तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व किया है. हमारा ऐसा प्रयास होना चाहिए कि हम इस स्थिति को दोबारा प्राप्त कर सकें.\'\'
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