दूसरी पार्टी में शामिल होने का अच्छा अवसर देख रहा हूं : अमर सिंह
समाजवादी पार्टी से निष्कासित अमर सिंह ने शुक्रवार को कहा है कि वह दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए अच्छा अवसर देख रहे हैं.
अमर सिंह (फाइल फोटो) |
उन्होंने बताया, \'\'मैं तैयार हूं, अच्छे अवसर का इंतजार कर रहा हूं. अगर ऐसा होता है तो उस पर विचार करने में खुशी होगी.\'\' वह अपने भविष्य की योजना पर बात कर रहे थे.
राज्यसभा सचिवालय ने अमर सिंह को सपा से निष्कासित होने के बाद असंबद्ध सदस्य घोषित कर रखा है.
जब उनसे पूछा गया कि अच्छे अवसर से उनका क्या मतलब है तो उन्होंने कहा कि यह जल्दबाजी वाला फैसला नहीं होगा और वह अपने पुराने अनुभव को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लेंगे.
उन्होंने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया कि उन्हें दो बार समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया है अब वह भविष्य में इस पार्टी में नहीं लौटेंगे.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राज्यसभा से इस्तीफा देंगे तो उनका कहना था, \'\'मैं क्यों इस्तीफा दूं. मुझे मुलायम सिंह यादव ने टिकट दिया था. अगर वह पार्टी अध्यक्ष रहते हुए मुझे ऐसा करने को कहते तो मैं खुशी-खुशी ऐसा कर देता.\'\' उन्होंने साफ किया है कि वह राज्य सभा के सदस्य बने रहेंगे.
सिंह ने बताया कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने के लिए किसी नेता से बात नहीं की है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस की ओर जाएंगे. दरअसल सिंह को कैश फॉर वोट घोटाले के मामले में तिहाड़ जेल में समय गुजारना पड़ा था. इस मामले को लेकर अमर सिंह कांग्रेस के आलोचक रहे हैं.
उन्होंने कहा, \'\'मेरे मन में गांधी परिवार के लिए कोई कड़वाहट नहीं है लेकिन मैं जेल में जिस अत्याचार से गुजरा, वह नहीं भूल सकता हूं. मुझे वहां प्लास्टिक की बाल्टी और मग में पानी पीना पड़ा.
कभी मुलायम सिंह के विश्वसनीय रहे अमर सिंह ने यादव परिवार के विवाद में सपा के संरक्षण की आलोचना की है.
उन्होंने कहा, \'\'यह एक तय किया हुआ नाटक था जिसमें हम सभी को एक किरदार दिया गया था. बाद में मुझे यह एहसास हुआ कि हमारा उपयोग हो रहा है. मैंने महसूस किया कि राज्य में विरोधी लहर और कानून-व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए यह चाल चली गई.
उन्होंने कहा कि मुलायम को अपने बेटे के हाथों से हारना अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि मतदान के दिन पूरा परिवार साथ में मतदान करने गया तो यह नाटक क्यों किया गया.
अमर सिंह पर पार्टी नेतृत्व के एक गुट ने आरोप लगाया था कि वह मुलायम और अखिलेश के बीच दरार पैदा कर रहे हैं.
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