डेंगू का बढ़ता प्रकोप, डॉक्टर्स की सलाह, इलाज के साथ जरूरी है एहतियात
मानसून के सीजन में राजधानी दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में डेंगू के बढ़ते के प्रकोप को लेकर डॉक्टर्स ने अपनी चिंता व्यक्त की है।
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चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के मच्छरों के पनपने की जगह से छुटकारा पाना ही इसके बचाव का सबसे अच्छा विकल्प है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने और सावधान रहने की आवश्यकता है। डेंगू होने पर डॉक्टर्स खुद से इलाज करने की प्रवृत्ति से बचने की सलाह देते हैं।
फोर्टिस अस्पताल, ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, डॉ. दिनेश कुमार त्यागी, डेंगू की गंभीरता को ध्यान में रखने पर बल देते हुए कहते हैं, "फोर्टिस अस्पताल ग्रेटर नोएडा में डेंगू के कुछ मामलों में मरीजों को आईसीयू अस्पताल में भर्ती करने की भी आवश्यकता पड़ी है। हम सभी को यह बात समझनी चाहिए कि डेंगू एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है और सभी प्रकार के डेंगू के रोगियों का इलाज घर पर नहीं किया जा सकता है। कुछ मरीजों में इसके गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें तेज बुखार, शरीर में दर्द, आंतरिक रक्तस्राव और सांस फूलना शामिल है। ऐसे रोगियों को तत्काल विशेषज्ञों की देखरेख में समुचित इलाज दिलाने की देने की नितांत आवश्यकता होती है।"
डॉ. त्यागी के अनुसार डेंगू हो जाने पर निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखें
तेज दर्द निवारक दवाओं का न करें प्रयोग
डेंगू होने पर उसकी जटिलताओं को रोकने के लिए, सभी को डिस्प्रिन जैसी तेज़ दर्द निवारक दवाओं और अन्य ओवर-द-काउंटर मिलने वाली दवाओं के जरिए खुद से इलाज करने से बचना चाहिए।
तेज़ दर्द निवारक दवाएं लेने से अन्य जटिलताओं के साथ-साथ शरीर में आंतरिक रक्तस्राव व प्लेटलेट्स कमी हो सकती है।
इनके बजाय डेंगू होने पर हल्के लक्षणों को पेरासिटामोल और ठंडे पानी के स्पॉन्जिंग से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ जाते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
भरपूर पिएं पानी और खाएं ताजा भोजन
डेंगू का बुखार हो जाने पर सभी को भरपूर पानी पीना चाहिए, विटामिन, फल और ताजा पका हुआ भोजन खाना ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहता है। डेंगू की चपेट में आने पर दूषित भोजन और उससे होने वाली बीमारियों के किसी भी खतरे को रोकने के लिए बासी या खुले भोजन से परहेज करना बेहद आवश्यक है।
डेंगू की रोकथाम के लिए विशिष्ट उपाय किए जाने चाहिए:
उचित पोशाक पहनें:
मच्छरों को काटने से रोकने के लिए, विशेष रूप से बच्चे और बुजुर्ग पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
आसपास पानी न जमा होने दें:
रिहायशी इलाकों और आसपास पानी को जमा होने से रोकें, यह मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल के रूप में काम करता है। नियमित रूप से घर में कंटेनरों को खाली और साफ करें और बाथरूम के अंदर पानी की बाल्टियाँ रखने से बचें।
मच्छर निरोधक क्रीम, मच्छरदानी का करें प्रयोग: सुनिश्चित करें कि बच्चे जब खेलने के लिए बाहर जाएं तो उनके खुले अंगों पर सुरक्षित मच्छर निरोधक क्रीम लगाएं। खिड़कियों और दरवाजों पर जाली और मच्छरदानी का उपयोग करने से भी घरों के अंदर मच्छरों का प्रकोप कम किया जा सकता है।
डेंगू की बीमारी को रोकना सभी की एक सामूहिक जिम्मेदारी है। स्थानीय अधिकारियों, निवासियों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को जागरूकता पैदा करने और प्रभावी मच्छर नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
डेंगू का प्रकोप बढ़ने के से रोकने और इस वेक्टर जनित बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए एक समुदाय के रूप में सभी को एकजुट होना होगा। डेंगू के बुखार का शीघ्र पता लगाने और चिकित्सीय सलाह से इसके प्रसार पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है और सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है।
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