जानें, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भरी गर्मी में काढ़ा पीना कितना सुरक्षित
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शरीर का इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होना जरूरी है।
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इस समय पूरी दुनिया कोविड–19 महामारी से जूझ रही है। देश के हालात ऐसे हैं कि रिकवरी होने के साथ ही मामलों में उछाल भी कम होता नहीं दिख रहा है। ऐसी स्थिति में सुरक्षित रहना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शरीर का इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए खान–पान का ध्यान रखना बेहद जरु री है। इन दिनों कई लोग आयुर्वेदिक उपचार की तरफ रु ख कर रहे हैं। भरी गर्मी में काढ़ा पीने और च्यवनप्राश खाने की सलाह दी जा रही है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए च्यवनप्राशः आमतौर पर लोग सर्दियों में अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश की नियमित खुराक लेते हैं। लेकिन इन दिनों कोरोना वायरस से बचने के लिए यह लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। आलम यह है कि पिछले कुछ दिनों में च्यवनप्राश की बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दरअसल च्यवनप्राश शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। साथ ही यह आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी मज़बूत करता है। च्यवनप्राश को एक सुरक्षित हर्बल टॉनिक माना गया है जिसका सेवन किसी भी मौसम में हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। पर अधिकता सब की बुरी होती है। इसलिए गर्मियों में इसके अधिक सेवन से बचें अन्यथा इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
कुछ लोगों को च्यवनप्राश के सेवन से पेट में जलन हो सकती है। ऐसे में इसका सेवन करने के बाद हल्का गरम दूध पिया जाये तो ऐसी समस्या नहीं होती। च्यवनप्राश में चीनी होती है‚ इसलिए मधुमेह रोगियों को डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।
सुबह की शुरुआत करें इस काढ़े के साथः तुलसी के पत्ते– 3 से 4 (तुलसी एंटिवायरल और एंटिबैक्टीरियल प्रॉपर्टी से भरपूर होती है।) लौंग– 2 (दर्दनाशक और श्वास संबंधी रोगों में आरामदायक होती है।) कालीमिर्च– 2 (एंटिऑक्सीडेंट से भरपूर और सर्दी–खांसी दूर करने में सहायक।) दालचीनी पाउडर– 1 चुटकी ( ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है एवं अच्छी नींद में सहायक होती है।) अदरक– 1 छोटा टुकड़ा ( सर्दी–खांसी एवं श्वास संबंधी रोगों में सहायक तथा एक बेहतर ऐंटिऑक्सीडेंट।) मुलहठी एक छोटा टुकड़़ा (गले को साफ और ठीक रखने में रामबाण का काम करता है।) इन सभी सामग्री से बना काढ़ा इम्यून सिस्टम बूस्ट करने में मददगार साबित हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यानः
- काढ़े में बहुत अधिक मात्रा में अदरक का उपयोग करने से सीने में जलन हो सकती है।
- उपवास के दौरान काढ़ा नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे मतली (उल्टी) और पेट में जलन हो सकती है।
- शहद का उपयोग भी सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इससे शरीर में गर्मी बढ़ सकती है जिससे बेचैनी हो सकती है।
- डायबिटीज रोगियों के मामले में चीनी की मात्रा बहुत ही कम रखनी चाहिए।
इन्हें भी आजमाएं
आयुष मंत्रालय का जोशांदा काढाः कोरोना संक्रमण काल रोग में प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा जोशांदा काढ़ा पीने की सलाह दी जा रही है।
गिलोय का काढ़ाः आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो गिलोय के काढ़े के सेवन से भी इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। अगर नियमित रूप से गिलोय का सेवन किया जाए तो हम कोरोना जैसे वायरस से बच सकते हैं। विशेषज्ञों की राय में अगर कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो जाते हैं‚ तो गिलोय का सेवन करने वाले संक्रमण से जल्दी ठीक हो सकते हैं। माना जाता है कि गिलोय की पत्तियां बैक्टीरिया और वायरस जनित रोगों का नाश कर देती है।
तुलसी का अर्कः नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन के अनुसार‚ तुलसी की पत्तियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का गुण मौजूद होता है। अगर तुलसी की पत्तियों के अर्क का सेवन किया जाए तो यह और भी प्रभावी रूप से मददगार साबित होता है।
गरम चीजों के ज्यादा सेवन से हो सकता है अल्सर: जब इस बारे में दिल्ली नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत डि़प्टी हेल्थ आफिसर (निदेशक) ड़ा एम एल खत्री से बात की गई तो उनका कहना है कि तुलसी‚ मुलहठी‚ लौंग‚ अदरक‚ काली मिर्च व दालचीनी का किसी भी तरीके से इस्तेमाल करें‚ ये फायदेमंद हैं। कोरोना से बचने के लिए गरम पानी पीना भी उतना ही फायदेमंद है जितना कि काढ़ा पीना और इसका कोई नुकसान भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम गरम तासीर की ज्यादा चीजों का गर्मी के मौसम में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करेंगे तो इससे अल्सर हो सकता है। जिन लोगों को पाइल्स की दिक्कत है‚ वो भी उभर सकती है।
च्वयनप्राश का सेवन उन्होंने हर मौसम में फायदेमंद व सुरक्षित बताया। उन्होंने कहा कि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी होने के कारण यह इम्युनिटी बढ़ाने यानी रोगों से लड़़ने की ताकत बढ़ाने में भी मददगार है।
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