सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ नहाय-खाय के साथ शुरू, आज खरना
सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ मंगलवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है। हालांकि, कार्तिक मास में होने वाले छठ महापर्व की तरह चैती छठ पूजा के दौरान नदियों व पोखरों में छठ व्रतियों की भीड़ नहीं उमड़ती है।
![]() प्रतिकात्मक फोटो |
सूर्योपासना के इस पवित्र चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन छठव्रती श्रद्धालु नर-नारी अंत:करण की शुद्धि के लिए कल नहाय खाय के संकल्प के साथ नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद शुद्ध घी में बना अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू करेंगे। वैसे श्रद्धालुओं ने आज से ही पर्व के लिए तैयारियां शुरू कर दी है।
महापर्व के दूसरे दिन श्रद्धालु पूरे दिन बिना जलग्रहण किये उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करते हैं और उसके बाद एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाते हैं तथा जब तक चांद नजर आये तब तक पानी पीते हैं। इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।
लोक आस्था के इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर प्रथम अर्ध्य अर्पित करते हैं। व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को फल और पकवान (ठेकुआ) से अघ्र्य अर्पित करते हैं। महापर्व के चौथे और अंतिम दिन फिर से नदियों और तालाबों में व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्ध्य देते हैं। भगवान भास्कर को दूसरा अर्ध्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त होता है और वे अन्न ग्रहण करते हैं।
परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किये जाने वाले इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व को करने के लिए किसी पुरोहित (पंडित) की आवश्यकता नहीं होती है और न ही मंत्रोंचारण की कोई जरूरत है।
छठ पर्व में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।
बिहार में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ आज मंगलवार से शुरू हो गया है। शहर में साफ-सफाई और घाटों का निरीक्षण पटना नगर निगम और बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (बुडको) के अधिकारियों ने किया है। अधिकारीगण विभिन्न घाटों का निरीक्षण करने के बाद वहां साफ-सफाई का कार्य ठीक से कराने और सड़कों पर से गंदगी, कूड़ा-कचरा हटाने तथा रौशनी की पर्याप्त व्यवस्था करने का आदेश दिया है। इस बार भी पटना जिला प्रशासन के आदेश से पूरे छठ पर्व के दौरान गंगा नदी में नाव के परिचालन पर रोक लगी रहेगी।
छठ व्रतियों के लिये गंगा घाटों को साफ-सुथरा और सजाने के काम में विभिन्न इलाकों की छठ पूजा समिति और स्वयं सेवक भी लगे हुए है। इसके साथ ही गंगा नदी की ओर जाने वाले प्रमुख मागरे के कुछ स्थानें पर तोरण द्वारा बनाये जा रहे है और रौशनी की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
महापर्व छठ के कारण बाजार में कद्दू (लौकी) के भाव में अचानक वृद्धि हो गयी है। राजधानी पटना में 20 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला कद्दू की कीमतों में वृद्धि होने का अनुमान है। दरअसल नहाय खाय के दिन व्रतधारी अरवा भोजन के साथ इसकी सब्जी ग्रहण करते हैं। इसी तरह आम की लकड़ी और शुद्ध घी के दाम भी अचानक बढ़ जाते हैं जबकि नारियल, सूप, फल और मिट्टी के चूल्हे की जहां जैसी मांग है, वहां उसी कीमत पर बिक्री हो रही है।
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