सर्वाइकल कैंसर: समय पर इलाज ही है बचाव, जानें इसके कारण, लक्षण और सावधानियां...

Last Updated 20 Jan 2018 04:06:11 PM IST

पूरी दुनिया में 10 में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित है. बीमारी और इलाज संबंधी जानकारी के अभाव में भारत में यह खतरनाक बीमारी महिलाओं के लिए जानलेवा बनती जा रही है.


सर्वाइकल कैंसर: समय पर इलाज ही है बचाव (फाइल फोटो)

पिछले 2 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में 74000 से अधिक महिलाओं की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर के कारण हुई है, वहीं पूरी दुनिया में 273000 महिलाओं की मृत्यु के लिए सर्वाइकल कैंसर जिम्मेदार है. सर्वाइकल कैंसर के लक्षण, बचाव व सही समय पर इलाज किया जाए तो इन आकड़ो में गिरावट लाई जा सकती है.

गर्भाश्य के मुख्य द्वार को सर्विक्स कहा जाता है. सर्विक्स में सेल्स की अनियमित वृद्धि को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. यह कैंसर सर्विक्स में हृयूमन पेपीलोमा वायरस एच पी वी के कारण होता है.

आज पूरी दुनिया में 10 में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित है. बीमारी और इलाज संबंधी जानकारी के अभाव में भारत में यह खतरनाक बीमारी महिलाओं के लिए जानलेवा बनती जा रही है.

यह बीमारी 40 साल या इससे अधिक आयु की महिलाओं में होती है. सर्विक्स यूट्रस के मुख्य द्वार के ऊपर स्थित होता है. इसे यूट्रस की बच्चेदानी का मुख्य द्वार भी कहा जाता है. जैसे जैसे सर्विक्स में कैंसर फैलता है तो वह ऊपर की तरफ यूट्रस में या फिर नीचे की तरफ योनी में नीचे फैलना शुरू हो जाता है.

यह मुख्यता हृयूमन पेपीलोमा वायरस एच पी वी के कारण होता है. 99.7 प्रतिशत केस में सर्वाइकल कैंसर के लिए एच पी वी वायरस रिस्पॉन्सिबल होता है. आइए डॉ. श्रुति भाटिया (सीनियर कंसलटेंट, गाइनी आनकोलाजिस्ट, एक्शन कैंसर हॉस्पिटल, नई दिल्ली) से जानते है इसके कारण, लक्षण और सावधानियों के बारें में...

कारण

  • डॉ. श्रुति भाटिया के मुताबिक हाई रिस्क पार्टनर, हिस्ट्री ऑफ सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज वाले व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
  • यह खतरनाक बीमारी मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्सुअल एक्टिविटी की वजह से होती है.
  • अर्ली ऐज यानी 20 साल की आयु से पहले सेक्सुअल एक्टिविटीज में इनवॉल्व होने के कारण भी सर्वाइकल कैंसर हो जाता है.
  • एल्कोहल एवं सिगरेट का अधिक इस्तेमाल करना भी इसका खतरा बढ़ जाता है.
  • इसके अलावा इस प्राइवेट भाग की साफ सफाइ न करने या फिर बार बार गर्भधारण करने से भी इसकी आशंका बढ़ जाती है.


लक्षण

  • सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती चरण वाली स्थिति को डिस्प्लेसिया कहा जाता है. इस चरण में इलाज आसानी से किया जा सकता है. ध्यान न देने पर यही बीमारी अगर कैंसर में बदल जाए तो इसे कार्सिनोमा कहा जाता है.
  • यहां कंडीशन थोड़ी मुश्किल हो जाती है. शुरुआती चरण में सर्वाइकल कैंसर की पहचान नहीं हो पाती है लेकिन फिर भी कुछ ऐसी शारीरिक गतिविधियां जिनके माध्यम से इसकी पहचान करने में आसानी होती है.

यूरीन के दौरान दर्द

  • मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द होता है. लेकिन मासिक धर्म बंद होने के बाद भी दर्द का अहसास होता है तो इस स्थिति में डॉक्टर को कंसल्ट करें क्योंकि यह योनी में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण की पुष्टि करता है.
  • संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग या फिर तेज दर्द सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हैं.


सावधानियां

  • कम उम्र में सेक्स एक्टिविटी में इनवॉल्व होने से बचें
  • असुरक्षित यौन से बचें.
  • बार-बार गर्भधारण से बचें.
  • स्वास्थ्य की दृष्टि से एल्कोहल और स्मोकिंग बहुत खतरनाक हैं. लेकिन सर्वाइकल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए इनसे शराब और धूम्रपान से दूर रहें.

रोकथाम
बीमारी की स्क्रीनिंग कराएं। इसके संक्रमण से बचाव के लिए एच पी वी वैक्सीन का टीकाकरण कराएं. इन दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. 10 से 40 साल की महिलाएं सर्विक्स कैंसर वैक्सीन का इस्तेमाल कर सकती है.



डायग्नोसिस

  • सर्वाइकल कैंसर का पता करने के लिए बायोप्सी, सीटी स्कैन एवं पैट स्कैन कराएं
  • इसका इलाज भी इसकी स्टेज पर निर्भर करता है जिसमें कीमो थेरेपी, रेडियो थेरेपी और सर्जरी शामिल हैं

 

सहारा न्यूज ब्यूरो


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