स्तन कैंसर: गंभीर और तेजी से बढ़ती बीमारी से बचाव है जरूरी
Last Updated 25 Jul 2017 03:11:26 PM IST
स्तन कैंसर एक गंभीर और तेजी से बढ़ती बीमारी है. भारत में 20 में से एक महिला को पूरी जिंदगी स्तन कैंसर होने का खतरा बना रहता है.
स्तन कैंसर से बचाव जरूरी (फाइल फोटो) |
ये बीमारी पहले शहरी इलाकों में ज्यादा थी लेकिन आज गांवों में भी स्तन कैंसर ने सर्वाइकल कैंसर को पीछे छोड़ दिया है. भारत में 20 में से एक महिला को पूरी जिंदगी स्तन कैंसर होने का खतरा बना रहता है.
यदि पश्चिमी देशों से भारत की तुलना करें तो यहां स्तन कैंसर बाकी कैंसरों के मुकाबले भी एक दशक जल्दी होता है. इसमें भी गंभीर बात ये है कि इस बीमारी से पीड़ित 70 प्रतिशत महिलाएं इलाज के लिए देर से आती हैं. समय न्यूज चैनल के कार्यक्रम 'जियो हेल्दी' में डॉ एम. सी. मिश्रा पूर्व निदेशक, एम्स, ने दिए कुछ टिप्स...
कारण
- बढ़ती उम्र में महिला हो या पुरु ष सभी में कैंसर की संभावना हो जाती है. उम्र के साथ महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना ज्यादा रहती है.
- अगर महिला को एक तरफ स्तन कैंसर हुआ है तो दूसरी तरफ होने की संभावना भी ज्यादा हो जाती है.
- इसके अलावा मोटापा भी स्तन कैंसर को बढ़ावा देता है.
- शराब, धूम्रपान से भी स्तन कैंसर की संभावना बढ़ जाती है.
- यदि किसी ने लगातार पांच वर्षो तक हार्मोन लिया है तो उसमें भी स्तन कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है.
- फैमिली हिस्ट्री यानि किसी की मां, मौसी, बहन को अगर कैंसर हुआ है तो उनमें भी स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
- इसके अलावा जेनेटिक, जीन्स में खराबी होने से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. महिलाओं में बीआरसीए-1 और बीआरसीए-2 जीन्स यदि पाया जाता है तो उनमें स्तन कैंसर होने का चांस अधिक होता है.
- वे महिलाएं जिन्हें ओवरी कैंसर हुआ हो उनमें भी स्तन कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है. ऐसी महिलाओं को बराबर अपने स्तन की जांच कराते रहना चाहिए.
- इसमें महिला के स्तन में गांठ हो जाती है. महिलाओं को किसी भी उम्र में गांठ महसूस हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और ठीक से जांच करवानी चाहिए.
- इसकी जांच बहुत आसान है. डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करवा लेते हैं. अगर उम्र 30 या 35 वर्ष से ज्यादा है तो मेमोग्राफी कर लेते हैं और उससे यह पता लग जाता है कि ये गांठ कैंसर है या कुछ और है. उसी के अनुसार इसका इलाज किया जाता है.
- शुरुआती अवस्था में स्तन कैंसर का पता लग जाता है तो उसका इलाज अच्छे से हो जाता है. उसमें खर्चा कम आता है. मरीज को नुकसान कम होता है.
- इलाज के दौरान परेशानी कम होती है. उसके 10 साल, 20 साल जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन यदि बीमारी का पता देर से चलता है तो उससे इलाज में खर्चा भी ज्यादा आता है और महिला को ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट होते हैं. इसके अलावा बीमारी के बिना महिला जितने वर्ष जीवित रह सकती थी वह उम्र 10-15 साल कम हो जाती है.
इन बातों का भी ध्यान रखें
- महिलाओं को जब भी स्तन में कोई गांठ नजर आए तो उसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें. जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें.
- 40 वर्ष की उम्र में महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है. ऐसे में अगर स्तन में दर्द हो, खून या कोई स्रव होने जैसे लक्षण नजर आएं तो उसकी जांच अवश्य कराएं.
- 40 से ऊपर की महिलाओं को हर साल मेमोग्राफी कराते रहना चाहिए. लेकिन 45 वर्ष के बाद दो साल में एक बार मेमोग्राफी करा सकती हैं.
प्रस्तुति : पूजा चौबे
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