मानव वसा की स्टेम कोशिकाओं से बुढ़ापा रोधी इलाज संभव

Last Updated 19 Feb 2017 05:27:55 PM IST

मानव वसा से सीधे तौर पर ली गईं प्रौढ़ स्टेम कोशिकाएं अन्य कोशिकाओं (जैसे चमड़ी की तंतुकोशिकाएं) की बनिस्बत अधिक स्थिर हैं, और इनका इस्तेमाल बुढ़ापा रोधी इलाज में किया जा सकता है.


(फाइल फोटो)

स्टेम सेल्स नामक पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन के निष्कर्षो के अनुसार, मानव वसा से सीधे तौर पर ली गई स्टेम कोशिकाएं उम्मीद से अधिक प्रोटीन बना सकती हैं.

युनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन से संबद्ध इस अध्ययन के मुख्य लेखक, इवोना परसेक ने कहा, "हमारे अध्ययन से पता चलता है कि ये कोशिकाएं बहुत मजबूत हैं. ये तब भी मजबूत रहती हैं, जब इन्हें बूढ़े मरीजों से लिया जाता है."

परसेक ने कहा, "यह भी पता चलता है कि इन कोशिकाओं की संभावनाओं का इस्तेमाल भविष्य में भी सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है, क्योंकि इन्हें न्यूनतम साज-संभाल और रख-रखाव की जरूरत होती है."

शोधकर्ताओं ने इन कोशिकाओं के बूढ़े होने के घटनाक्रम के अध्ययन के लिए एक नया मॉडल विकसित करने के बाद यह खोज की है.

स्टेम कोशिकाओं का इस्तेमाल इस समय बुढ़ापा रोधी विभिन्न इलाजों में किया जाता है और इन्हें विभिन्न ऊतकों से लिया जाता है.



लेकिन परसेक की टीम ने मानव वसा से ली गई स्टेम कोशिकाओं को अन्य कोशिकाओं की बनिस्बत अधिक स्थिर पाया. यह खोज बुढ़ापा संबंधित बीमारियों के इलाज और उन बीमारियों को रोकने के लिए नए उपचारों के दरवाजे खोल सकता है.

परसेक ने कहा, "अन्य प्रौढ़ मानव स्टेम कोशिकाओं के विपरीत मानव वसा से ली गई स्टेम कोशिकाओं की संख्या जिस दर से बढ़ती है, वह उम्र के अनुकूल बनी रहती है."

परसेक ने कहा है, "इसका अर्थ यह होता है कि ये कोशिकाएं अधिक स्थिर हो सकती हैं और स्वाभाविक बुढ़ापे पर हमारे आगे के अध्ययन में मददगार हो सकती हैं."

आईएएनएस


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