नेपाली सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने मंगलवार को एक संयुक्त अपील जारी कर प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए संकट का समाधान करने का आग्रह किया।

|
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री (के पी शर्मा ओली) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए हम सभी से संयम बरतने और इस कठिन परिस्थिति में जान-माल को और नुकसान न होने देने की अपील करते हैं।’’
उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से राजनीतिक बातचीत के जरिए समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की भी अपील की।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान ही व्यवस्था और स्थिरता बहाल करने का एकमात्र तरीका है।’’
बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में नेपाली सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल, नेपाल सरकार के मुख्य सचिव ई. नारायण आर्यल, गृह सचिव गोकर्ण दावडी, सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के प्रमुख राजू आर्यल, पुलिस महानिरीक्षक चंद्र कुबेर खापुंग और राष्ट्रीय जांच विभाग के प्रमुख हुतराज थापा शामिल हैं।
यह अपील ऐसे समय में की गई है, जब प्रदर्शनकारियों ने संसद, सिंह दरबार परिसर, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के आवास में आग लगा दी।
काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह ने एक अलग बयान में सभी से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। उनका यह बयान प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद आया।
उन्होंने सभी से सेना प्रमुख से बातचीत के लिए तैयार रहने को भी कहा, लेकिन जोर देकर कहा कि पहले संसद भंग होनी चाहिए।
उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘हमने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था -- यह पूरी तरह से ‘जेन ज़ी’ का आंदोलन है। प्रिय ‘जेन-ज़ी’, आपके उत्पीड़क का इस्तीफा पहले ही आ चुका है। अब, कृपया शांत रहें।’’
आंदोलनकारी युवकों ने पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा के काठमांडू के पूर्व में बूढ़ा नीलकंठ स्थित घर को जला दिया।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें प्रदर्शनकारियों को देउबा और उनकी पत्नी एवं पूर्व विदेश मंत्री आरजू राणा को उनके आवास से बंधक बनाते हुए देखा जा सकता है। इस झड़प में उन्हें मामूली चोटें आई हैं।
प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू स्थित पांच सितारा होटल हिल्टन में भी आग लगा दी। माना जाता है कि देउबा के बेटे जयबीर की इस होटल में बड़ी हिस्सेदारी है। उन्होंने ललितपुर के खुमालतार स्थित आरजू के स्वामित्व वाले उल्लेंस स्कूल में भी तोड़फोड़ की।
स्थिति तनावपूर्ण है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों को विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर कब्जा करते और उनमें तोड़फोड़ करते देखा गया। सुरक्षाकर्मी लगभग तमाशबीन बन गए।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत होने को लेकर ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए सैकड़ों आंदोलनकारियों के उनके कार्यालय में घुसने के तुरंत बाद, मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
| | |
 |