सांसदों ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों से चीन के छात्रवृत्ति कार्यक्रम से संबंध तोड़ने का किया आग्रह
अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के कई रिपब्लिकन सदस्यों ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों से एक चीनी छात्रवृत्ति कार्यक्रम से संबंध खत्म करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया है कि यह कार्यक्रम चीन सरकार के लिए प्रौद्योगिकी चुराने का एक ‘‘कुत्सित तंत्र’’ हैं।
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चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) संबंधी मामलों से जुड़ी प्रतिनिधि सभा की समिति के नेताओं ने डार्टमाउथ कॉलेज, नोट्रे डेम विश्वविद्यालय और पांच अन्य विश्वविद्यालयों को लिखे पत्रों में चीन छात्रवृत्ति परिषद (सीएससी) के साथ उनकी साझेदारी को लेकर चिंता व्यक्त की है। सीएससी के तहत छात्रवृत्ति कार्यक्रम विदेश में अध्ययन के लिए चीन द्वारा वित्तपोषित है।
इस कार्यक्रम के तहत हर साल सैकड़ों चीनी स्नातक छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने आते हैं। स्नातक होने के बाद उन्हें दो साल के लिए चीन लौटना होता है। रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने मंगलवार को भेजे गए पत्रों में इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
समिति के अध्यक्ष एवं रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधि जॉन मूलेनार ने लिखा, ‘‘सीएससी का दावा है कि यह अमेरिकी और चीनी संस्थानों के बीच एक संयुक्त छात्रवृत्ति कार्यक्रम है, जबकि वास्तव में यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का सीसीपी द्वारा प्रबंधित एक प्रयास है जो अमेरिकी संस्थानों का शोषण करता है और चीन के सैन्य एवं वैज्ञानिक विकास का सीधे तौर पर समर्थन करता है।’’
चीनी दूतावास ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) द्वारा टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
डार्टमाउथ कॉलेज ने बुधवार को कहा कि पिछले एक दशक में इस कार्यक्रम में उसके 10 से भी कम प्रतिभागी रहे हैं और उसने अपनी भागीदारी समाप्त करने का निर्णय पहले ही ले लिया है।
नोट्रे डेम ने कहा कि उसने इस साल की शुरुआत में ही इस कार्यक्रम से अपना संबंध समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
टेनेसी विश्वविद्यालय ने कहा कि उसे भी पत्र मिला है और वह समिति के अनुरोध की समीक्षा कर रहा है।
टेंपल यूनिवर्सिटी और डेविस, इरविन एवं रिवरसाइड स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के परिसरों को भी पत्र भेजे गए हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष माइकल वी. ड्रेक के कार्यालय ने कहा कि विश्वविद्यालय सभी संघीय कानूनों का पालन करता है और संवेदनशील शोध की सुरक्षा के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करता है।
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