भारत-रूस में सहयोग का स्तंभ है ऊर्जा : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रोसेटम पवेलियन का दौरा करने के बाद कहा कि ऊर्जा भारत और रूस के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण स्तंभ है तथा नई दिल्ली इस क्षेत्र में मॉस्को के साथ संबंध और मजबूत करने को लेकर आशान्वित है।
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मोदी ने वीडीएनकेएच के रोसेटम मंडप में असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग को समर्पित एक फोटो प्रदर्शनी देखी, जिसका उद्घाटन नवंबर 2023 में किया गया था। यह वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के इतिहास में सबसे बड़ी प्रदर्शनियों में से एक है।
मोदी ने यात्रा की अपनी तस्वीरों को साझा करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, राष्ट्रपति पुतिन के साथ एटम पवेलियन का दौरा किया। ऊर्जा भारत और रूस के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण स्तंभ है और हम इस क्षेत्र में संबंध और मजबूत करने के लिए आशान्वित हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी को ‘एटमिक सिम्फनी’ भी दिखाई गई। यह वीवीईआर-1000 रिएक्टर का एक स्थाई कार्यशील मॉडल है। यह भारत में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केकेएनपीपी) का ‘हृदय’ है। मोदी राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस वाषिर्क शिखरवार्ता में भाग लेने यहां आए हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, पवेलियन में प्रधानमंत्री ने भारतीय और रूसी छात्रों के समूह से भी बातचीत की। उन्होंने उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका उपयोग भविष्य की पीढ़ियों और धरती के लाभ के लिए किया जा सकता है।
भारत के सुख-दुख का भरोसेमंद साथी है रूस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को भारत का ‘सुख-दुख का साथी’ और ‘सबसे भरोसेमंद दोस्त’ बताते हुए पिछले दो दशकों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व की प्रशंसा की।
यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी नेता को अलग-थलग करने के पश्चिमी देशों के प्रयासों के बीच यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुतिन की यह प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत हर चुनौती को चुनौती देने में सबसे आगे रहेगा और चुनौती देना तो उनके ‘डीएनए’ में है।
मोदी ने कहा, दशकों से भारत और रूस के बीच जो अनोखा रिश्ता रहा है, मैं उसका कायल रहा हूं। रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है.. भारत के सुख-दुख का साथी। भारत का भरोसेमंद दोस्त। हमारे रूसी दोस्त इसे ‘द्रुजवा’ कहते हैं और हम हिन्दी में इसे ‘दोस्ती’ कहते हैं।
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