दुनिया के सबसे बड़े भूमि से घिरे देश कजाकस्तान को प्रशांत महासागर से नौकायन के लिए मिला एक नया आउटलेट

Last Updated 07 Oct 2023 03:57:20 PM IST

वर्ष 2013 के 7 सितंबर को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कजाकस्तान के नज़रबायेव विश्वविद्यालय में "जनता के बीच मित्रता को बढ़ावा देना और एक साथ बेहतर भविष्य बनाना" शीर्षक एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें पहली बार संयुक्त रूप से "सिल्क रोड आर्थिक बेल्ट" बनाने की पहल का प्रस्ताव रखा गया।


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वर्ष 2013 के 7 सितंबर को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कजाकस्तान के नज़रबायेव विश्वविद्यालय में "जनता के बीच मित्रता को बढ़ावा देना और एक साथ बेहतर भविष्य बनाना" शीर्षक एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें पहली बार संयुक्त रूप से "सिल्क रोड आर्थिक बेल्ट" बनाने की पहल का प्रस्ताव रखा गया।

कजाकस्तान संयुक्त रूप से "बेल्ट एंड रोड" पहल का निर्माण करने वाला पहला स्थान बना और "बेल्ट एंड रोड" सहयोग यहां से शुरू हुआ। कजाकस्तान की राजधानी अस्ताना से 4 हज़ार किलोमीटर अधिक दूर चीन के ल्येनयुनकांग में एक अंतर्राष्ट्रीय लॉजिस्टिक बेस उभरा है।

"चीन-कजाकस्तान ल्येनयुनकांग लॉजिस्टिक्स सहयोग बेस" परियोजना "बेल्ट एंड रोड" पहल के संयुक्त निर्माण के प्रस्तावित होने के बाद लागू की गई पहली भौतिक मंच परियोजना है। तब से, दुनिया के सबसे बड़े भूमि से घिरे देश कजाकस्तान को प्रशांत महासागर से नौकायन के लिए एक आउटलेट मिल गया है।

पिछले 10 वर्षों में, "चीन-कजाकस्तान ल्येनयुनकांग लॉजिस्टिक्स सहयोग बेस" एक समर्पित रेलवे लाइन के बिना एक छोटे भंडारण यार्ड से एशिया-यूरोप भूमि और समुद्री परिवहन केंद्र में विकसित हुआ है। जिससे कजाकस्तान एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र बन गया है।

अर्चना श्री
नई दिल्ली


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