भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी ने हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन अमेरिकी कॉकस की शुरुआत की, क्या है इसका मकसद, जानिए

Last Updated 30 Sep 2023 10:30:07 AM IST

अमेरिका (America) के 24 से अधिक सांसद कांग्रेस के द्विदलीय हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन अमेरिकी कॉकस में शामिल हो गए। कॉकस के संस्थापक और भारतीय अमेरिकी सांसद श्री थानेदार (Shri Thanedar) ने यह जानकारी दी।


भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी ने हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन अमेरिकी कॉकस की शुरुआत की

थानेदार ने अमेरिकी कांग्रेस में कॉकस की औपचारिक शुरुआत की है, जिसका मकसद धार्मिक भेदभाव से निपटना और हिंदू, बौद्ध, सिख तथा जैन धर्म के लोगों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है।

कांग्रेसनल कॉकस अमेरिकी सांसदों का एक समूह होता है, जो साझा विधायी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बैठक करता है।

थानेदार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम महज एक और कॉकस की शुरुआत करने के लिए एकत्रित नहीं हो रहे हैं। हम एक ऐसे आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए एकत्रित हो रहे हैं, जो समझ, समावेशन और सकारात्मक नीतिगत कार्यों के लिए प्रयास करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस आंदोलन का उद्देश्य यह दिखाना है कि अमेरिका में हर धर्म, हर संस्कृति और हर समुदाय के लिए स्थान है। मेरा नाम श्री थानेदार है। मैं कांग्रेस में अमेरिका की विविधता का प्रमाण हूं।’’

थानेदार के साथ यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद परिसर) की सीढ़ियों पर एकत्रित हुआ देशभर के प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों का एक समूह भी था।

थानेदार ने कहा, ‘‘आज का दिन कई मायनों से अहम है। आप में से कई के लिए हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन अमेरिकी कांग्रेसनल कॉकस की शुरुआत एक औपचारिक प्रक्रिया की तरह लग सकता है, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यह इससे कहीं ज्यादा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह कॉकस विचार-विमर्श करने, कार्रवाई करने, हमारी संस्कृति व समाज में गलत सूचना और दुष्प्रचार को खत्म करने, धार्मिक स्वतंत्रता अभिव्यक्त करने, हमारे अस्तित्व की रक्षा करने और नफरत तथा कट्टरता को पीछे धकेलकर हम कौन हैं, इसके बारे में सच बोलने का एक मंच तैयार करेगा।’’

थानेदार के मुताबिक, रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों दलों के 27 सांसद इस नये कॉकस का हिस्सा हैं।

उन्होंने बताया कि तकरीबन 30 लाख हिंदू, 12 लाख बौद्ध, पांच लाख सिख और दो लाख जैन हमारे देश की संस्कृति और आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करते हैं।

थानेदार ने कहा कि अमेरिका में करीब 1,000 हिंदू मंदिर, 1,000 बौद्ध मंदिर, 800 गुरुद्वारे और 100 जैन मंदिर हैं, जो समुदाय के विकास, परमार्थ और आध्यात्मिक कल्याण के केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं।

भाषा
वाशिंगटन


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