अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन ने संगीत वाद्ययंत्र जलाए, कहा- संगीत नैतिक भ्रष्टाचार का कारण बनता है

Last Updated 01 Aug 2023 09:38:47 AM IST

अफगानिस्तान में तालिबान शासन के अधिकारियों ने हजारों डॉलर मूल्य के संगीत उपकरण जला दिए हैं। इसमें गिटार, हारमोनियम और तबला शामिल है।


नैतिक भ्रष्टाचार का कारण बताते हुए तालिबान ने संगीत वाद्ययंत्र जलाए

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान का दावा है कि संगीत "नैतिक भ्रष्टाचार का कारण बनता है।"

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना 29 जुलाई को हेरात प्रांत में हुई।

सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों से पता चला कि एम्पलीफायरों और स्पीकरों को भी आग के हवाले कर दिया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कई को विवाह स्थलों से जब्त किया गया था।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, तालिबान के  सदाचार मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि संगीत से युवा भटक जाएंगे।

अफगानिस्तान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजिक के संस्थापक अहमद सरमस्त ने शासन के कार्यों की तुलना "सांस्कृतिक नरसंहार और संगीत बर्बरता" से की।

पुर्तगाल में रह रहे सरमस्त ने बीबीसी से कहा,  "अफगानिस्तान के लोगों को कलात्मक स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया है, हेरात में संगीत वाद्ययंत्रों को जलाना तालिबान के नेतृत्व में अफगानिस्तान में हो रहे सांस्कृतिक नरसंहार का एक छोटा सा उदाहरण है।"

अगस्त 2021 में काबुल के पतन के बाद से, तालिबान ने सार्वजनिक रूप से संगीत बजाने सहित कई प्रतिबंध लगाए हैं।

शासन ने उस समय एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर आग की तस्वीरें पोस्ट की थीं, लेकिन यह नहीं बताया था कि यह देश के किस हिस्से में लगी थी।
गौरतलब है कि जब 90 के दशक के मध्य से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता में थे, तब सामाजिक समारोहों, टीवी और रेडियो पर सभी प्रकार के संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

आईएएनएस
काबुल


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