North Korea ने फिर शुरू किया मिसाइल परीक्षण
अमेरिका (America) ने करीब 150 टॉमहॉक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम परमाणु शक्ति से लैस पनडुब्बी (nuclear powered submarine) को शुक्रवार को दक्षिण कोरिया में तैनात किया।
![]() अमेरिका ने टॉमहॉक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम परमाणु शक्ति से लैस पनडुब्बी को दक्षिण कोरिया में तैनात किया। |
एक दिन पहले उत्तर कोरिया (North Korea) ने अमेरिका-दक्षिण कोरिया (US-South Korea) के अभ्यास के विरोध में फिर से मिसाइल परीक्षण करना शुरू किया था।
दक्षिण कोरिया (South Korea) के अधिकारियों के अनुसार, नियमित अंतराल पर कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिकी सामरिक हथियारों के प्रदर्शन को बढाने से संबंधित द्विपक्षीय समझौते तथा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों में विस्तार के जवाब में यह तैनाती की गई है और इसी के तहत छह साल में पहली बार यूएसएस मिशिगन दक्षिण कोरिया पहुंची है।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यूएसएस मिशिगन की तैनाती से अमेरिका और दक्षिण कोरिया की नौसेनाएं अपनी विशेष संचालन क्षमताओं तथा उत्तर कोरिया की ओर से बढते परमाणु खतरे से निपटने के लिए संयुक्त क्षमता को बढाने के लिए अभ्यास करेंगी।
मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी पनडुब्बी दक्षिण पूर्व बंदरगाह बुसान पहुंची लेकिन मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि पनडुब्बी कितने समय तक दक्षिण कोरिया के समुद्री क्षेत्र में वहां रहेगी। उत्तर कोरिया के पिछले साल से परमाणु परीक्षणों में तेजी के जवाब में दक्षिण कोरिया और अमेरिका सेनाओं ने अपने सैन्य अभ्यास में विस्तार किया है।
उत्तर कोरिया की दलील है कि उसके विरोधी ने सैन्य अभ्यास बढ़ा दिए हैं जिसके जवाब में उसने भी अपनी परीक्षण गतिविधियों को बढा दिया है। उत्तर कोरिया दोनों देशों के इस सैन्य अभ्यास को आक्रमण के उद्देश्य से पूर्वाभ्यास बताता है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया का अंतिम लक्ष्य अपने हथियारों का आधुनिकीकरण करना और कूटनीति में इसका लाभ उठाना है।
अप्रैल में वाशिंगटन (Washington) में बैठक के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल (South Korean President Yoon Suk Yeol) ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि अमेरिका ‘कोरियाई प्रायद्वीप में नियमित अंतराल पर अपने सामरिक हथियारों के प्रदर्शन’ को बढ़ाएगा।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) की बहन किम यो जोंग (Kim Yo Jong) ने बाइडन-यून की बैठक (Biden-UN Meeting) के दौरान हुए समझौते की निंदा की थी और अपने देश की परमाणु ताकत को और बढ़ाने की धमकी दी थी।
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