नाटो में फिनलैंड, क्या करेगा अमेरिका?
फिनलैंड का उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो में शामिल होना रूस के लिए खतरे की घंटी साबित होने वाला है। फरवरी 2022 से रूस यूक्रेन से लड़ रहा है। रूस दावा करता रहा है कि यूक्रेन रूस का हिस्सा है।
![]() नाटो में फिनलैंड, क्या करेगा अमेरिका? |
अभी रूस और यूक्रेन का युद्ध रुका नहीं है। उसके पहले ही फिनलैंड ने उसे झटका दे दिया है। फिनलैंड के शामिल हो जाने के बाद अब नाटो देशों की संख्या 31 हो गई है। रूस हमेशा यही चाहता रहा है कि कोई भी देश नाटो का सदस्य ना बने। यूक्रेन भी नाटो में शामिल होने की बात कर रहा था, इसलिए रूस ने उस पर हमला किया है।
यहां बता दें कि शीत युद्ध के दौरान 4 अप्रैल 1949 को नाटो का गठन किया गया था। इसका मुख्यालय अमेरिका में है। अमेरिका ही अन्य देशों को नाटो का सदस्य बनाता है। फिनलैंड के उत्तर में नार्वे दक्षिण में एस्टोनिया है, पश्चिमी में स्वीडन है, जबकि पूर्व में रूस है।
अमेरिका और फिनलैंड की जो सीमा है, वह 1340 किलोमीटर की है। ऐसा माना जा रहा है कि फिनलैंड के शामिल हो जाने के बाद अब रूस कमजोर हो सकता है। यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि बहुत जल्दी स्वीडन भी नाटो में शामिल हो सकता है। ऐसी स्थिति में रूस की मुश्किलें और भी बढ़ेंगी।
रूस भले ही छोटे-छोटे देशों को अपना दुश्मन समझ रहा है, लेकिन सही मायनों में उसका असली दुश्मन अमेरिका ही है। 1991 में अमेरिका की वजह से सोवियत संघ का पतन हुआ था।
फिलहाल पूरी दुनिया नाटो की गतिविधियों पर नजर लगाए हुए है। उधर फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के बाद सबकी निगाहें इस पर टिकी है कि अब रूस क्या करेगा।
| Tweet![]() |