पाक ने अलापा यूएन में कश्मीर राग, भारत ने दिया करारा जवाब- लादेन को पनाह देने वाले उपदेश के काबिल नहीं
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार फिर कश्मीर मुद्दे का राग अलापा है। जिस पर भारत ने उसे ऐसा जवाब दिया कि पाकिस्तान की बोलती बंद हो गयी।
![]() भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर |
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के खिलाफ जहर उगला। जरदारी ने UNSC से कश्मीर मुद्दे पर अपने प्रस्तावों को लागू करने को कहा। इस पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने पलट कर करारा जवाब दिया।
बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र में बोलने के मौके का इस्तेमाल भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए किया। लेकिन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने जवाब से पूरे पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ही आतंकी ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी। ऐसे में पाकिस्तान उपदेश देने के काबिल नहीं है।
यहां बिलावल ने कहा, 'विश्व व्यवस्था, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा परिषद कश्मीर मुद्दे पर अपने प्रस्तावों को लागू करे।' उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी है कि दुनिया में वह शांति को बढ़ावा दे। इससे पहले पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने बुधवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों में भारत की संलिप्तता है। यह आरोप वह पाकिस्तान लगा रहा है जो खुलेआम कहता रहा है कि उसने दुनिया में तबाही मचाने वाले तालिबान को ट्रेनिंग दी थी।
► विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एक देश जिसने-अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को शरण दी और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, वह संयुक्त राष्ट्र में उपदेश देने के काबिल नहीं है। जयशंकर ने कहा हमारे समय की प्रमुख चुनौतियां महामारी, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद आदि हैं। संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता इन मुद्दों पर प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर है। जयशंकर ने UNSC में 'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नयी दिशा' विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता की।
► जयशंकर ने अपने बयान में भारत की संसद पर हमले का जिक्र किया था। 13 दिसंबर 2001 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। इस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफCRPF की एक महिला कर्मी और संसद के दो कर्मी शहीद हो गए थे। हमले में एक कर्मचारी और एक कैमरामैन की भी मौत हुई थी।
आतंकवाद की चुनौती पर, उन्होंने कहा कि भले ही दुनिया अधिक सामूहिक प्रतिक्रिया के साथ एक साथ आ रही है, लेकिन बहुपक्षीय मंचों का दुरूपयोग अपराधियों को सही ठहराने और बचाने के लिए किया जा रहा है।
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