चीन में प्रदर्शनकारियों ने ग्वांगझू शहर की सड़कों को युद्ध क्षेत्र बना दिया
प्रदर्शनकारियों ने चीन में कई पुलिसकर्मियों पर कांच की बोतलें फेंकी, जबकि प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की क्रूर कम्युनिस्ट शासन और उनकी विनाशकारी शून्य-कोविड नीतियों की अवहेलना करना जारी रखे हुए हैं। दक्षिणी चीनी शहर ग्वांगझू में रातभर लोगों के चीखने-चिल्लाने और शीशे के टूटने की आवाज गूंजती रही। प्रदर्शनकारी ढाल लेकर दंगा पुलिस से भिड़ गए।
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पहली बार हजमत सूट पहने दिखे सैकड़ों दंगा पुलिस चिल्लाते प्रदर्शनकारियों की ओर बढ़े और उन्हें घसीटते देखे गए। बाद में प्रदर्शनकारियों को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
डेली मेल के मुताबिक, चीन में इस तरह का असंतोष और हिंसक विरोध प्रदर्शन 30 वर्षो में नहीं देखा गया था। बीजिंग प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसे जाने के बावजूद निर्मम हिंसा जारी रही। प्रदर्शनकारी अभी भी घरों से निकलकर सड़कों पर उतर रहे हैं और उन्होंने शी के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है।
चीन में पहले भी छिटफुट हिंसक विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं, इस तरह के हालात नहीं कभी नहीं देखे गए। विरोध प्रदर्शन इस समय बीजिंग से शंघाई तक फैल गया है।
शी ने 10 साल पहले सत्ता संभाली थी। ये विरोध प्रदर्शन उनकी सरकार के खिलाफ सबसे खुले खतरे को चिह्न्ति करते हैं। आक्रोशित लोग कड़े कोविड प्रतिबंधों के अलावा शी के क्रूर कम्युनिस्ट शासन से भी खफा हैं।
ग्वांग्झू में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कांच की बोतलों सहित जो कुछ भी पाया, पुलिस अधिकारियों पर फेंक दिया। हिंसक झड़पों के दौरान उन्हें अधिकारियों को घसीटते हुए भी देखा गया।
इससे पहले, मंगलवार की रात गुआंगजौ की सड़कों और एक बाजार में दंगा पुलिस अधिकारियों ने मार्च किया, जिससे खरीदारी करते लोग सहम गए।
सैकड़ों दंगा पुलिसकर्मियों के आने से शहर में तनाव बढ़ गया। एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों को अधिकारियों पर कांच की बोतलें फेंकते हुए, देखा गया। अराजक और हिंसक दृश्यों में दंगा पुलिस के कई जवानों को एक साथ बांध दिया था, अधिकारी खुद को बचाने की कोशिश में लगे रहे।
डेली मेल के मुताबिक, एक और वीडियो में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूर कार्रवाई पर लोगों को हताशा में चिल्लाते देखा गया। शी की शून्य-कोविड नीति के कारण महीनों तक सख्त तालाबंदी ने लाखों लोगों को आक्रोशित कर दिया है।
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