नहीं माना तो जबरन मिला लेंगे ताइवान को : चीन

Last Updated 17 Oct 2022 06:58:10 AM IST

चीन की सत्ता में रिकॉर्ड तीसरी बार एवं संभवत: आजीवन रहने को तैयार राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को आगाह किया कि ताइवान को मुख्य भूभाग में फिर से मिलाने के लिए चीन बल प्रयोग करने का विकल्प नहीं छोड़ेगा।


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (File photo)

इतना ही नहीं, उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकासात्मक हितों की रक्षा के लिए देश की सेना के आधुनिकीकरण को विस्तार के मानकों के अनुरूप करने का संकल्प लिया।

ताइवान खुद को एक संप्रभु देश मानता है, लेकिन चीन इस स्वशासित द्वीप को अपने देश का ही एक अलग हुआ हिस्सा मानता है। चीन ने ताइवान को अपने भूभाग में मिलाने के लिए बल के संभावित इस्तेमाल से इनकार नहीं किया है। जिनपिंग ने सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के प्रत्येक पांच वर्ष में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर कहा, हम बल प्रयोग का विकल्प नहीं छोड़ेंगे और सभी अलगाववादी आंदोलनों को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।

ऐसी संभावना है कि जिनपिंग को छोड़कर, दूसरे नंबर के नेता एवं प्रधानमंत्री ली केकियांग सहित पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को कांग्रेस के दौरान बदल दिया जाएगा या उनमें फेरबदल किया जाएगा, क्योंकि जिनपिंग के नेतृत्व वाला प्रशासन 10 साल का कार्यकाल पूरा कर रहा है। हालांकि, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस जिनपिंग के रिकॉर्ड तीसरी बार पद पर बने रहने का समर्थन करेगी, क्योंकि उन्हें पहले ही पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग के समान ‘मुख्य नेता’ घोषित किया जा चुका है।

जिस वक्त जिनपिंग ने ताइवान को चीन के मुख्य भूभाग में विलय का संकल्प लिया, कांग्रेस में हिस्सा ले रहे 2300 से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधि लंबे समय तक तालियां बजाते रहे। सीपीसी के महासचिव जिनपिंग ने कहा, पार्टी को ताइवान मुद्दे को सुलझाने के लिए अपनी रणनीति पर दृढ़ रहना चाहिए।

भाषा
पेइचिंग


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