रिलायंस/शेल के खिलाफ सरकार की अपील खारिज, ब्रिटेन के हाईकोर्ट से सरकार को झटका
रिलायंस-शेल के पक्ष में आए 11.1 करोड़ डॉलर के मध्यस्थता फैसले में भारत सरकार की चुनौती को खारिज कर दिया गया है।
![]() ब्रिटिश हाईकोर्ट |
सरकार ने पश्चिमी अपतटीय पन्ना-मुक्ता और ताप्ती तेल एवं गैस क्षेत्रों में लागत वसूली विवाद में रिलायंस इंडस्ट्रीज और शेल के पक्ष में आए मध्यस्थता फैसले को चुनौती दी थी। ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने इस मामले में सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रॉस क्रैंस्टन ने नौ जून, 2022 को फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकार को मध्यस्थता न्यायाधिकरण के निर्धारित सीमाओं को पूरा नहीं करने को लेकर अपनी आपत्तियां उस समय लानी चाहिए थी जबकि 2021 में यह फैसला सुनाया गया था।
सरकार की दलील को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आपत्तियां एक अंग्रेजी कानून के सिद्धांत के तहत ‘प्रतिबंधित’ हैं।
इसमें कोई पक्ष नई कार्यवाही में कोई ऐसा मामला नहीं उठा सकता जिसे पिछली कार्यवाही में उठाया जा सकता था। इस बारे में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि सरकार अदालत के आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद उपयुक्त मंच पर इसे उठाने का विकल्प तलाशेगी।
रिलायंस और शेल के स्वामित्व वाली बीजी एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन इंडिया ने 16 दिसम्बर, 2010 को सरकार को लागत वसूली प्रावधानों, राज्य पर बकाया लाभ और रॉयल्टी भुगतान सहित सांविधिक बकाया के मसले पर मध्यस्थता प्रक्रिया में घसीटा था।
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