भारतीय-अमेरिकी समूह का पाकिस्तान के दूत के रूप में मसूद खान की नियुक्ति खारिज करने का आग्रह

Last Updated 03 Feb 2022 10:50:19 AM IST

प्रवासी भारतीयों के एक शीर्ष समूह ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से देश में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में मसूद खान की नियुक्ति को खारिज करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि खान आतंकवादी संगठनों के हमदर्द और समर्थक हैं।


अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (प्रतिकात्मक फोटो)

‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) ने बुधवार को एक बयान में बाइडन से आग्रह किया कि वह ‘‘जिहादी-आतंकवादी समर्थक’’ मसूद खान की अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत के रूप में नियुक्ति को खारिज कर दें।

एफआईआईडीएस ने कहा, ‘‘हम विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और विदेश मामलों पर सीनेट और प्रतिनिधि सभा की समितियों के सदस्यों से भी इसका समर्थन करने का अनुरोध करते हैं।’’

समूह ने कहा, ‘‘मसूद खान ने कई बार जिहादी-आतंकवादियों के लिए नरम रुख दिखाया है, जिसमें आफिया सिद्दीकी भी शामिल है, जिसे ‘लेडी अल-कायदा’ के नाम से जाना जाता है। अमेरिकी कानून के तहत घोषित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन, हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम) और जमात-ए-इस्लामी आदि के प्रति उनका समर्थन न केवल अमेरिकी हितों के लिए बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी नुकसानदायक है।’’

एफआईआईडीएस भारत-अमेरिका नीति पर अध्ययन और जागरूकता के लिए अमेरिका-स्थित एक संस्थान है। एफआईआईडीएस ने कहा, ‘‘अमेरिका में खान की राजनयिक भूमिका आतंकवादी संगठनों के लिए अमेरिकी संस्थानों तक पहुंच का मार्ग खोल सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रमुख के रूप में उनकी पूर्व में सक्रिय भूमिका अपने रणनीतिक साझेदार भारत के साथ अमेरिकी संबंधों को जटिल बनाएगी। तालिबान के प्रति उनके समर्थन से अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’’

एफआईआईडीएस ने एक विस्तृत बयान में कहा कि खान आफिया सिद्दीकी के समर्थक हैं और उन्होंने सात मई, 2020 को ट्वीट किया था, ‘‘राजदूत जोन्स: अमेरिकी सरकार आफिया सिद्दीकी को मुक्त करने का एक तरीका खोज सकती है। कभी कट्टर दुश्मन माने जाने वाले तालिबान के साथ अमेरिका ने शांति समझौते पर बातचीत की है। आफिया की आजादी के लिए अब रास्ता बनाया जाना चाहिए, जो लंबे समय से अपेक्षित है।’’

संस्थान ने यह भी आरोप लगाया कि 2019 में खान ने घोषित वैश्विक आतंकवादी और हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम) के संस्थापक फजलुर रहमान खलील के साथ मंच साझा किया।

एफआईआईडीएस ने कहा, ‘‘मसूद खान जमात-ए-इस्लामी का भी समर्थक है, जिसके हत्यारे दस्तों ने पाकिस्तानी सेना को 1971 में बांग्लादेशियों के खिलाफ नरसंहार के कृत्यों को अंजाम देने में मदद की थी, अल्पसंख्यक वर्ग की हजारों महिलाओं से बलात्कार किया गया था, लोग मारे गए थे और लाखों लोग विस्थापित हुए थे।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘अमेरिकी कानून के तहत घोषित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी की पांचवीं बरसी पर खान ने वानी को ‘दुनिया भर में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आदर्श’ कहा था।’’

एफआईआईडीएस ने कहा कि खान ने 25 अगस्त, 2021 तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रमुख के रूप में कार्य किया, ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तानी सरकार लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दमन करती है, प्रेस का दमन करती है और पीओके में लोगों को यातनाएं देती है।

समूह ने कहा, ‘‘खान के शासन के दौरान, उनके कार्यालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न प्रेस विज्ञप्ति में जुनैद सेहराई और तारिक अहमद हिजबुल जैसे आतंकवादियों के लिए समर्थन और प्रशंसा शामिल थी। खान ने इन आतंकवादियों को शहीद और इनके आतंकवादी कृत्यों को बलिदान बताया था। कश्मीर में आतंकवादियों और अलगाववादियों का उनका दृढ़ समर्थन अमेरिका-भारत संबंधों में रुकावट और अवांछित जटिलताएं पैदा करेगा...।’’

भाषा
वाशिंगटन


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