भारत ने अफगानिस्तान को तीन टन दवाएं भेजी

Last Updated 30 Jan 2022 06:03:04 AM IST

भारत ने युद्ध से प्रभावित रहे अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के तहत तीन टन जीवन रक्षक दवाओं की चौथी खेप भेजी है।


भारत ने अफगानिस्तान को तीन टन दवाएं भेजी

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि आने वाले सप्ताहों में अफगानिस्तान के लोगों को दवा और खाद्यान्न के रूप में और मानवीय सहायता प्रदान की जाएगी।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, मानवीय सहायता के तहत जीवन रक्षक दवाओं की यह खेप काबुल स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल को सौंपी गई। मंत्रालय ने बताया, ‘अफगानिस्तान के लोगों को जारी मानवीय सहायता के तहत भारत की ओर से चिकित्सा मदद के रूप में यह चौथी खेप भेजी गई है। इसमें तीन टन जीवन रक्षक दवाएं भेजी गई हैं।’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान के लोगों के साथ अपने विशेष संबंधों को जारी रखने एवं मानवीय सहायता प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। इससे पहले भारत की ओर से तीन खेप में अफगानिस्तान को 3.6 टन जीवन रक्षक दवाएं और कोविड रोधी टीके की पांच लाख खुराक की आपूर्ति की गई है। मंत्रालय ने कहा, ‘आने वाले सप्ताहों में हम अफगानिस्तान के लोगों को दवा और खाद्यान्न के रूप में मानवीय सहायता पहुंचाएंगे।’
गौरतलब है कि भारत ने एक जनवरी को अफगानिस्तान को कोविड रोधी टीके की 5 लाख खुराकों की आपूर्ति की थी। दिसम्बर में भारत ने अफगानिस्तान को 1.6 टन चिकित्सा सहायता की आपूर्ति की थी। जनवरी में मानवीय सहायता के तहत दो टन जीवन रक्षक दवाओं की खेप भेजी गई थी। इसके अलावा कोविड रोधी टीके की पांच लाख खुराक भी भेजी गई। भारत पहले ही पाकिस्तान के रास्ते सड़क मार्ग से होते हुए अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं एवं दवा भेजने की घोषणा की चुका है। भारत और पाकिस्तान परिवहन संबंधी रूपरेखा को अंतिम रूप दे रहे हैं।

भारत ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट से निपटने के लिए उसे निर्बाध रूप से मानवीय सहायता प्रदान करने की वकालत की है। यद्यपि भारत ने अफगानिस्तान में वर्तमान शासन को मान्यता नहीं दी है और वहां सही अथरें में समावेशी सरकार पर जोर दिया है। इससे पहले भारत ने शुक्रवार को कहा था कि वह सदैव अफगानिस्तान की जनता के साथ खड़ा है और वहां के लोगों को खाद्यान्न, दवा सहित मानवीय सहायता प्रदान करने को प्रतिबद्ध है।  अफगानिस्तान को गेहूं की खेप की आपूर्ति को लेकर एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा था कि 50 हजार टन गेहूं की आपूर्ति और इसको पहुंचाने की व्यवस्था के बारे में प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा था कि इसमें परिवहन से जुड़े आयाम जुड़े है, स्वाभाविक तौर पर इसमें समय लगता है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
भारत चाहता है कि यह सहायता (गेहूं) पाकिस्तान से सड़क मार्ग के जरिये अफगानिस्तान में लाभार्थियों तक सीधे पहुंचे और इनका वितरण किसी भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के जरिए हो। मौजूदा समय में पाकिस्तान केवल अफगानिस्तान को भारत को माल निर्यात करने की अनुमति देता है, लेकिन सीमा पार से किसी अन्य दोतरफा व्यापार की अनुमति नहीं देता है।
इस बीच, मीडिया में शनिवार को आई खबर के मुताबिक, संकटग्रस्त अफगानिस्तान के लिये पाकिस्तान के रास्ते भारत की तरफ से गेहूं की खेप भेजने की शुरुआत अगले महीने होने की उम्मीद है। भारत और पाकिस्तान ने पिछले कुछ महीनें की चर्चा के बाद अफगानिस्तान के लिये गेहूं की आपूर्ति के तौर-तरीकों पर सहमति व्यक्त की है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment