गुटारेस का अफगानिस्तान की सम्पत्ति पर रोक हटाने का आग्रह

Last Updated 28 Jan 2022 03:11:33 AM IST

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने बुधवार को अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवीय सहायता को बढ़ावा देने और देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रतिबंधित नौ अरब डॉलर की सम्पत्ति पर से रोक हटाने का आग्रह किया।


संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस

गुटारेस ने सुरक्षा परिषद से कहा, ‘अपना कर्तव्य पूरा करने का समय आ गया है। कोई कदम नहीं उठाया गया तो कई लोगों की जिंदगी खतरे में आ जाएगी और निराशा तथा अतिवाद बढ़ेगा।’

गुटारेस ने कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में तत्काल निवेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि देश की रोकी गई राशि को जारी किया जाए, उसके सेंट्रल बैंक के साथ फिर से जुड़ना और निवेश करने के अन्य तरीके खोजना, जिसमें चिकित्सकों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों, बिजली का काम करने वालों और अन्य सिविल सेवकों के वेतन का भुगतान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष जारी करना शामिल है।

चीन और रूस ने अफगानिस्तान की प्रतिबंधित सम्पत्ति पर से रोक हटाने की अपनी मांग दोहराई, जबकि अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन ‘कोष की कमी से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों’ पर गौर कर रहा है। ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान की सबसे अधिक मदद की है। अमेरिका ने 11 जनवरी को अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के लिए 30.8 करोड़ डॉलर की शुरुआती मदद देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान के लोगों को जिस स्तर पर मदद की जरूरत है, उसे प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बहुत अधिक समर्थन की आवश्यकता होगी।’

अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से सहायता राशि पर निर्भर देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है। तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान क्रूरता और लड़कियों को शिक्षित करने तथा महिलाओं को काम करने की अनुमति देने से इनकार करने जैसे कदमों पर गौर करने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने विदेश में अफगानिस्तान की सम्पत्ति पर रोक लगा दी थी।

संरा के अनुसार, अफगानिस्तान के 87 लाख लोग भुखमरी की कगार पर हैं। गुटारेस ने कहा कि आधी से अधिक आबादी ‘अत्यधिक भुखमरी’ का सामना कर रही है। उन्होंने कहा, ‘80 प्रतिशत से अधिक आबादी दूषित पेयजल पर निर्भर है और कुछ परिवार भोजन खरीदने के लिए अपने बच्चों को बेच रहे हैं।’

एपी
संयुक्त राष्ट्र


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