विश्व बचत दिवस पर दुनिया को क्या संदेश मिलता है?

Last Updated 30 Oct 2021 10:42:29 PM IST

31 अक्टूबर को विश्व बचत दिवस है। वर्ष 1924 में आयोजित पहले अंतर्राष्ट्रीय बचत बैंक सम्मेलन में इतालवी प्रोफेसर फिलिपो रवीजा ने इसका प्रस्ताव पेश किया था।


विश्व बचत दिवस पर दुनिया को क्या संदेश मिलता है?

अंत में 2006 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिवस की स्थापना का उद्देश्य लोगों को मेहनती और मितव्ययी होने का आह्वान करना है, ताकि वे संयुक्त रूप से तेजी से गंभीर संसाधनों के संकट से निपट सकें, जिससे समाज के स्वस्थ और सतत विकास को बढ़ावा मिल सके।

परिश्रम और मितव्ययिता एक प्रकार का व्यवहार है, लेकिन यह भी एक प्रकार का गुण है। हमें पता होना चाहिए कि दलिया और भोजन मिलना आसान नहीं है। आधुनिक सभ्यता परिश्रम और मितव्ययिता का सम्मान करती है, जो सीमित संसाधनों को मूल्यवान समझता है और अत्यधिक खपत का प्रतिरोध करता है।

समाज प्रगति करना चाहता है और देश विकास करना चाहता है। इन सभी संसाधनों का उपभोग किया जाता है। लेकिन यह सब लोगों की मेहनत और मितव्ययिता से और भी अधिक महत्वपूर्ण है। परिश्रम और मितव्ययिता चीनी राष्ट्र की उत्कृष्ट परंपराएं और आधुनिक सभ्यता की आंतरिक आकांक्षाएं हैं।

आईएएनएस
बीजिंग


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