हांगकांग के लोगों के अधिकारों में न हो कटौती
अमेरिका की अगुआई में पांच देशों के एक समूह ने बुधवार को चीन से कहा कि वह जनप्रतिनिधि का चुनाव करने के हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कमतर नहीं करें।
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समूह ने इस बात पर भी जोर दिया कि हांगकांग में चीन की कार्रवाई से ऐसा लगता है कि यह वैश्विक आर्थिक केंद्र में आलोचना के स्वरों को खामोश करने के अभियान का हिस्सा है। इस समूह में अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन शामिल हैं।
इन पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को संयुक्त बयान जारी कर हांगकांग के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अयोग्य करार देने के लिए चीन द्वारा लागू किए गए नए नियमों के संबंध में अपनी गंभीर चिंता दोहराई। विदेश मंत्रियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने एवं सितंबर में होने वाले विधान परिषद चुनाव को स्थगित किए जाने के बाद, इस फैसले ने हांगकांग की उच्च स्तर की स्वायत्तता, अधिकारों और स्वतंत्रता को कमजोर कर दिया है। बयान में कहा गया है कि हम संयुक्त घोषणापत्र एवं मूलभूत कानून को ध्यान में रखते हुए चीन से जन प्रतिनिधि चुनने के हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कम करने की कवायद बंद करने की अपील करते हैं। हांगकांग की स्थिरता एवं समृद्धि की खातिर, यह आवश्यक है कि चीन और हांगकांग के अधिकारी वहां के लोगों की जायज चिंताओं और विचारों को अभिव्यक्त करने वाले माध्यमों का सम्मान करें।
इसमें कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक प्रमुख सदस्य के रूप में, हम चीन से उम्मीद करते हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं और हांगकांग के लोगों के प्रति अपने कर्तव्य की दिशा में काम करेगा। बयान में यह भी कहा गया है कि हम चीन के केंद्रीय अधिकारियों से हांगकांग की निर्वाचित विधायिका के खिलाफ अपने नियम पर दोबारा विचार करने एवं विधान परिषद के सदस्यों को तुरंत बहाल करने का आग्रह करते हैं।
चीन ने हाल ही में असम्मति को रोकने के लिए हांगकांग के अधिकारियों को नई शक्तियां प्रदान कीं। इसके बाद पिछले सप्ताह विधानमंडल में विपक्ष के चार सदस्यों को बर्खास्त कर दिया गया था। इस घटनाक्रम ने देश के लोकतंत्र समर्थक विपक्षी सांसदों के इस्तीफों की लाइन लगा दी।
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