अमेरिकी राजनेता का ताइवान कार्ड खेलना आग से खेलने जैसा

Last Updated 11 Aug 2020 12:34:06 AM IST

अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार 9 अगस्त को ताइवान दौरे पर गये और योजनानुसार वे ताइवानी नेताओं के साथ भेंट मुलाकात करेंगे।


अमेरिकी राजनेता का ताइवान कार्ड खेलना आग से खेलने जैसा

इससे चीन और अमेरिका के बीच संपन्न तीन विज्ञप्तियों का उल्लंघन हुआ। अमेरिकी राजनेताओं ने अपने राजनीतिक हितों के लिए ताइवानी स्वाधीनता को गलत संकेत भेजा। उनका ताइवान कार्ड खेलना सचमुच आग से खेलने जैसा है। चीन का सिद्धांत चीन-अमेरिका संबंधों का राजनीतिक आधार है। चीन और अमेरिका के बीच तीन विज्ञप्तियों के अनुसार अमेरिका चीन लोक गणराज्य की सरकार को चीन की एकमात्र ही कानूनी सरकार के रूप में मान्यता देता है। इसी दायरे में अमेरिका ताइवान के साथ सांस्कृतिक, आर्थिक और अन्य गैर-सरकारी संबंध बरकरार रख सकता है।

लेकिन अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार महामारी की रोकथाम के बहाने ताइवान दौरे पर गये। व्यंग्य की बात है कि अमेरिका और ताइवानी क्षेत्र दोनों गंभीर महामारी से ग्रस्त हैं। इससे ताइवान द्वीप के लोगों ने असंतोष जताते हुए पूछा कि अमेरिकी मंत्री क्यों ताइवान आये हैं और उन्हों ने ताइवानी अधिकारियों की आलोचना की है कि वे अपने राजनीतिक विचार महामारी की रोकथाम के ऊपर रखते हैं।



यह स्पष्ट है कि अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री की ताइवान यात्रा का वास्तविक उद्देश्य राजनीतिक गतिविधि को अंजाम देना है। इस समय अमेरिका में नये कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 50 लाख के पार है। आर्थिक बहाली का लक्ष्य साकार करना भी मुश्किल है। देश में असंतोष व्याप्त है। इस स्थिति में अमेरिकी राजनेताओं ने लोगों का ध्यान चीन से संबंधित मामलों पर खींचना चाहा। बेशक, यह कारक भी मौजूद है कि कुछ अमेरिकी राजनेताओं के दिमाग में शीतयुद्ध के विचार पनप रहे हैं। उधर अमेरिकी राजनेता वैचारिक पूर्वाग्रह के अनुसार अपनी कार्यवाहियों को अंजाम देते रहे हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री की ताइवान दौरे ने इस क्षेत्र में तनाव को और भड़काया है। अगर ताइवानी अधिकारी अमेरिका के सहारे राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने का कदम उठाते हैं, तो ताइवानी लोगों को खतरे में डाला जाएगा।

अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति निक्सन ने अपनी चीन यात्रा के दौरान कहा था कि चीन और अमेरिका के पास समान हित और आशा मौजूद है। उन दोनों के लिए शत्रु होने का कोई कारण नहीं है। बीते चालीस सालों के तथ्यों से यह साबित है कि चीन-अमेरिका संबंधों के लगातार विकास से दोनों देशों और यहां तक सारी दुनिया को लाभ मिला है। पर ताइवानी सवाल चीन के केंद्रीय हितों से संबंधित है और वह चीन-अमेरिका संबंधों में सबसे संवेदनशील सवाल ही है। ताइवान कार्ड खेलने से चीन और अमेरिका के बीच टकराव को तेज बनाया जाएगा और द्विपक्षीय संबंधों में अधिक अनिश्चितता पैदा होगी।

आशा है कि अमेरिकी राजनेता, अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए चीन के ²ढ़ संकल्प को कम करके नहीं आंकेंगे और ताइवान के साथ सरकारी आदान-प्रदान को बन्द करेंगे। चीन के मूल हितों का उल्लंघन करने की किसी भी कार्यवाही का चीनी जनता द्वारा ²ढ़ता से विरोध किया जाएगा।

आईएएनएस
बीजिंग


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