पेरिस में बोले मोदी- नये भारत में भ्रष्टाचार, लूट, आतंकवाद पर कस रही है लगाम

Last Updated 23 Aug 2019 04:49:11 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नये भारत में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, जनता के पैसे की लूट और आतंकवाद पर लगाम कसी जा रही है और इसमें थकने या रुकने का कोई सवाल ही नहीं है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मोदी ने पेरिस में प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैंने चार साल पहले फ्रांस की यात्रा के समय हजारों लोगों से संवाद में कहा था कि भारत आशाओं और आकांक्षाओं के सफर पर निकलने वाला है। आज नम्रता और विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम न सिर्फ निकल पड़े हैं बल्कि 130 करोड़ लोगों के सामूहिक प्रयास से तेजगति से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि देशवासियों ने पहले से अधिक प्रचंड जनादेश देकर देश की सेवा का पुन: अवसर दिया है। यह जनादेश सरकार चलाने का नहीं बल्कि नये भारत के निर्माण के लिए है जिसकी समृद्धि, सभ्यता और संस्कृति पर विश्व को गर्व हो और वह 21वीं सदी की आधुनिकता का भी नेतृत्व करे।

उन्होंने कहा कि नये भारत में कारोबारी सुगमता के साथ-साथ जीवन की सुगमता भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। देश में ढेर सारे सकारात्मक बदलाव हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने जनधन खाते, आयुष्मान भारत, अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ सहित बीते पांच साल में भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि भारत अपनी गरीबी को तेजी से दूर कर रहा है। देश नयी ऊर्जा से भरा है। स्टार्ट अप्स के मामले में दुनिया में आगे है। युवा नये नये नवाचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘नये भारत में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, जनता के पैसे की लूट और आतंकवाद पर जिस तरह से लगाम कसी जा रही है। वैसा कभी नहीं हुआ। नये भारत में थकने या रुकने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।’’

उन्होंने कहा कि नयी सरकार को अभी 75 दिन हुए हैं। पर स्वागत सत्कार में पड़ने की बजाय स्पष्ट नीति और सही दिशा के मंत्र से प्रेरित होकर कई बड़े फैसले लिए गए हैं। नयी सरकार बनते ही जल शक्ति के लिए एक नया मंत्रालय बनाया गया, जो पानी से संबंधित सारे विषयों को समग्रता से देखेगा। गरीब किसानों और व्यापारियों को पेंशन की सुविधा मिले, इसका भी फैसला लिया गया। तीन तलाक की अमानवीय कुरीति को खत्म कर दिया गया है। मुस्लिम बहनों-बेटियों के साथ ऐसा अन्याय कोई कैसे स्वीकार कर सकता है। इसी तरह बाल संरक्षण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार ने अहम फैसले लिये हैं।

मोदी ने कहा कि इस बार हमारी संसद का सत्र पिछले छह दशकों में सबसे ज्यादा उत्पादक था। आगामी सात सितंबर को चंद्रयान चांद पर उतरने वाला है। इस उपलब्धि के बाद चांद पर उतरने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

मोदी ने कहा कि भारत में हो रही इस प्रगति के बीच, फ्रांस के साथ हमारे सदियों पुराने संबंध दिन-प्रतिदिन मजबूत हुए हैं। एक-दूसरे की आवश्यकताओं का ध्यान, एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता, एक-दूसरे के प्रति विास, को लेकर हम आगे बढ़े हैं। भारत और फ्रांस, एक-दूसरे के लिए लड़े भी हैं और जिए भी हैं। दोनों देशों ने कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों का मुकाबला किया है। यही वह धरती है, जहां प्रथम वियुद्ध में नौ हजार भारतीय सैनिकों ने फ्रांस के सैनिकों के साथ मानवता के पक्ष में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

उन्होंने कहा कि साम्राज्यवाद, फासीवाद और उग्रवाद का मुकाबला भारत में ही नहीं बल्कि फ्रांस की धरती पर भी किया है। हमारी दोस्ती ठोस आदर्शों पर बनी है। दोनों देशों के चरित्र का निर्माण ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ के साझा मूल्यों से हुआ है। आज अगर भारत और फ्रांस दुनिया के बड़े खतरों से लड़ने में नजदीकी सहयोग कर रहे हैं तो उसका कारण भी यह साझा मूल्य ही है। चाहे वह आतंकवाद हो या फिर जलवायु परिवर्तन।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मूल्यों को इन खतरों से बचाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को हमने भली-भांति स्वीकारा है। भारत फ्रांस संबंधों की एक और विशेषता यह है कि हम चुनौतियों का सामना ठोस कार्रवाई से करते हैं। दुनिया में जलवायु परिवर्तन की चुनौती पर कार्रवाई कम ही दिखाई देती है। हमने फ्रांस के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ बनाया और इसमें करीब 75 देश जुड़ चुके हैं। इससे जमीन पर सही मायने में बदलाव आ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आजकल हम 21वीं सदी के ‘इनफ्रा’ की बात करते हैं। इन प्लस फ्रा यानि इंडिया और फ्रांस का तालमेल है। सोलर इनफ्रा से लेकर सोशल इनफ्रा तक, टेक्निकल इनफ्रा से लेकर स्पेस इनफ्रा तक, डिजिटल इनफ्रा से लेकर डिफेंस इनफ्रा तक भारत और फ्रांस का गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भारत में स्मार्ट शहरी व्यवस्थाओं के निर्माण और इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन में भागीदारी से भी दोनों ही देशों को लाभ मिल रहा है। भाइयों और बहनों, फ्रांस में भारतीय वैज्ञानिकों, और इंडिया में फ्रेंच तकनीक का बड़ा सम्मान है। आप में से कई लोग फ्रांस में भारत की वैज्ञानिक प्रतिभा को प्रदर्शित कर रहे हैं, परमाणु ऊर्जा, वैमानिकी एवं अंतरिक्ष तकनीक और दूसरे उच्च प्रौद्योगिकी क्षेा में दोनों देशों की साझा परियोजनाएं हैं। फ्रांस में दुनिया के इकलौते संलयन परमाणु संयंत्र परियोजना में भी भारतीय प्रतिभा भागीदार है। यह इस सदी का बहुत महत्वपूर्ण वैज्ञानिक परियोजना है। जब यह तकनीक आने वाली पीढ़ियों को अपार ऊर्जा उपलब्ध कराएगी, तो उसमें भारत का भी योगदान होगा।

मोदी ने प्रवासी भारतीयों से कहा, ‘‘भारत से आपका रिश्ता मिट्टी का है, तो फ्रांस से मेहनत का नाता है। आपकी सफलताएं फ्रांस के लिए गौरव का विषय तो है ही साथ ही यह भारत को भी गौरवान्वित करती हैं। भारतीय मूल के लोगों ने फ्रांसीसी जनजीवन में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कई व्यक्ति फ्रेंच संसद के सदस्य हैं। जब भारतीय प्रतिभाओं को फ्रांस से सम्मान प्राप्त होता है तो हमारा भी सर गर्व से ऊंचा हो जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात की भी खुशी है कि आपने फ्रांस के रिवाजों और कानूनों को अपनाने के साथ-साथ अपनी विशिष्ट ‘भारतीयता’ को सहेजे रखा है। मुझे बताया गया है कि गणपति महोत्सव पेरिस के सांस्कृतिक कैलेंडर की मुख्य विशेषता बन गया है। इस दिन पेरिस लघु भारत में बदल जाता है। यानी अब से कुछ दिन बाद ही यहां गणपति बप्पा मोरिया की गूंज भी सुनाई देगी।

मोदी ने प्रवासी भारतीयों को जन्माष्टमी के पर्व की भी बधाई दी।

 

वार्ता
पेरिस


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