पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन पर रोक के लिए प्रस्ताव पास

Last Updated 17 Jul 2019 04:45:38 PM IST

पाकिस्तान के सिंध प्रांत की विधानसभा में हिंदू समुदाय की लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे की गूंज रही। सभी दलों के सदस्यों की लंबी चर्चा के बाद सदन ने लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया।


पाकिस्तान मे जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ प्रस्ताव पारित

पाकिस्तान के सिंध प्रांत की विधानसभा में हिंदू समुदाय की लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे की गूंज रही। सभी दलों के सदस्यों ने इस पर चिंता जताई और कहा कि इसे तुरंत रोकने की जरूरत है। लंबी चर्चा के बाद सदन ने लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। विपक्षी ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस के विधायक नंद कुमार गोकलानी की तरफ से मंगलवार को पेश इस निजी विधेयक में सदन ने 'हिंदू लड़कियों' के स्थान पर 'लड़कियों' शब्द का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव पारित किया।

पारित प्रस्ताव में कहा गया है, "इस सदन का यह दृढ़ मत है कि प्रांतीय सरकार हाल के दिनों में सिंध के विभिन्न जिलों में लड़कियों के अपहरण की घटनाओं का संज्ञान ले और जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए मुजरिमों को सख्त से सख्त सजा दिलाए।"

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रपटों में कहा गया है कि गोकलानी के इस विधेयक का राज्य में सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और जमात-ए-इस्लामी ने समर्थन किया।

प्रस्ताव पारित होने से पहले अपने भाषण में गोकलानी ने कहा कि बीते कुछ महीनों में सिंध के बादिन, थट्टा, मीरपुर खास, कराची, टांडो मोहम्मद खान, खैरपुर मीर, हैदराबाद व अन्य इलाकों की करीब चालीस हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। इनमें अधिकांश नाबालिग हैं।

उन्होंने कहा, "इस सदन ने बाल विवाह के खिलाफ कानून पारित किया हुआ है। हमारे समुदाय की नाबालिग लड़कियां लापता हो जाती हैं और कुछ दिन में वे किसी मदरसे में सामने आती हैं और उनकी किसी मुस्लिम लड़के से शादी हो रही होती है। यह सभी कुछ दबाव में हो रहा है।"

उन्होंने कहा कि अगर लड़कियां स्वेच्छा से घर से जाएं और खुद से अपने बारे में फैसला करें तो इस पर हिंदू समुदाय को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

गोकलानी ने सत्तारूढ़ पीपीपी द्वारा इस समस्या पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाते हुए पीपीपी की दिवंगत नेता बेनजीर भुट्टो द्वारा अल्पसंख्यकों के हित में उठाए गए कदमों को याद किया। उन्होंने कहा कि 'अगर आज बेनजीर जिंदा होतीं तो हमें इन हालात का सामना नहीं करना पड़ता।'

उन्होंने कहा कि हम अल्पसंख्यक अपने मुस्लिम भाइयों की ही तरह देश के प्रति वफादार हैं। लेकिन, अगर हमारी लड़कियों का धर्म परिवर्तन होता है तो फिर हम कहा जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसी समस्या की वजह से कई हिंदू पाकिस्तान छोड़कर चले गए हैं।

एमक्यूएम की विधायक मंगला शर्मा ने कहा कि क्यों केवल हिंदू लड़कियों का ही अपहरण कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है? क्यों हिंदू लड़के इस तरफ आकर्षित नहीं होते? उन्होंने कहा कि ऐसी ही समस्याओं के कारण देश में गैर मुस्लिम आबादी घट रही है। उन्होंने कहा कि तमाम दबावों के बावजूद हम अपना वतन नहीं छोड़ेंगे और यहीं अपने खिलाफ खड़ी ताकतों से लड़ेंगे।

पीटीआई विधायक खुर्रम शेर जमां ने हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता तो जताई लेकिन कहा कि प्रस्ताव से हिंदू लड़की शब्द हटा देना चाहिए क्योंकि इससे विदेश में पाकिस्तान की बदनामी होती है और अपहरण मुस्लिम लड़कियों का भी हो रहा है। इसलिए इसके दायरे में सभी लड़कियों को लाया जाना चाहिए।



संसदीय कार्य मंत्री मुकेश कुमार चावला ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून लाने पर गंभीर है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरिराम किशोरी लाल ने स्वीकार किया हिंदू लड़कियों के अपहरण की समस्या वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि हम इस पर काबू पाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इस पर काबू पाने के लिए सरकार की रणनीति क्या होगी।

आईएएनएस
कराची


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment