पाकिस्तान की अदालत ने जरदारी की 11 दिन की रिमांड मंजूर की
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को यहां की जवाबदेही अदालत ने मंगलवार को 11 दिन की रिमांड पर भेज दिया। एक दिन पहले ही उन्हें कई लाख डॉलर के कर चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी |
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दिये जाने के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की टीम ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष को गिरफ्तार किया।
उन्हें जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद अरशद मलिक के सामने पेश किया गया, जिन्होंने एनएबी को जरदारी को 11 दिन की रिमांड में रखने की मंजूरी दे दी और उन्हें (जरदारी को) 21 जून को अदालत में फिर से पेश किये जाने का आदेश दिया।
अदालत की कार्यवाही के दौरान एनएबी ने अदालत से जरदारी की 14 दिन की रिमांड का अनुरोध किया, जिसका उनके वकील फारुक एच नाइक ने विरोध किया।
एनएबी के वकील मुजफ्फर अब्बासी ने अदालत को बताया कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से ये फर्जी बैंक खाते खोले गये। अब्बासी ने बताया कि जरदारी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच के लिये उनकी रिमांड जरूरी है।
जरदारी ने अपने वकील फारुक नाइक के जरिये हिरासत के दौरान अतिरिक्त सुविधाओं के लिये एक अर्जी भी दी। इस अर्जी में एक सहायक देने का अनुरोध भी किया गया है।
अदालत के बाहर मीडिया से बात करते हुए जरदारी ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान निर्वाचित नहीं बल्कि ‘‘चयनित’’ नेता हैं। उन्होंने दावा किया कि गृहमंत्री ऐजाज शाह ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया।
जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर अवैध रूप से हासिल किये गये धन को पाकिस्तान के बाहर भेजने के लिये फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं।
एनएबी के अधिकारियों के अनुसार दोनों ने इन कथित फर्जी बैंक खातों के जरिये 15 करोड़ रुपये का लेन देन किया था।
फर्जी बैंक खाता मामले में जांच कर रही भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था एनएबी ने रविवार को उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
अदालत में मंगलवार को जरदारी की पेशी के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये थे और करीब 1,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। 300 पुलिसकर्मी एनएबी मुख्यालय के बाहर तैनात थे, जबकि जवाबदेही अदालत की ओर जाने वाली सड़कें हर तरह के यातायात के लिये बंद कर दी गयी थीं।
अदालत पहुंचने से पहले डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने पूर्व राष्ट्रपति की मेडिकल जांच की। एनएबी के सूत्रों के अनुसार हिरासत में लिये जाने के लिये जरदारी शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट पाये गये।
जरदारी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे। उन्होंने इन फर्जी खातों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है।
जरदारी की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आयी है और पार्टी शासित सिंध प्रांत सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पीपीपी कार्यकर्ताओं ने छिटपुट प्रदर्शन किया।
अपने पिता की गिरफ्तारी को इमरान खान की सरकार द्वारा ‘‘राजनीतिक बदले की भावना’’ से की गयी कार्रवाई बताते हुए पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि देश का संविधान हर नागरिक के लिये निष्पक्ष सुनवाई के हक की गारंटी देता है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से शांत रहने और पार्टी के निर्देशों का इंतजार करने की अपील की।
मुख्य विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने भी गिरफ्तारी के वक्त पर सवाल खड़े किये और आरोप लगाया कि यह सब ‘‘आईएमएफ द्वारा तैयार जन विरोधी बजट से जनता का ध्यान भटकाने के लिये किया गया है’’ जिसे सरकार मंगलवार को पेश करेगी।
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