साझी समृद्धि का क्षेत्र बनेगा हिंद-प्रशांत

Last Updated 02 Dec 2018 05:55:01 AM IST

‘जय’ यानी जापान, अमेरिका और इंडिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इस बात पर सहमति जताई है कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण एशिया प्रशांत क्षेत्र की शांति एवं समृद्धि के लिए मुक्त, खुली, समावेशी तथा नियम आधारित व्यवस्था जरूरी है।


ब्यूनस आयर्स में जी20 शिखर बैठक से अलग पहली ‘जय’ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे।

इन तीनों देशों के नेताओं ने यहां जी20 शिखर बैठक के दौरान अलग से बैठक की। एशिया प्रशांत क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने के चीन के प्रयासों के बीच इन देशों के बीच यह इस तरह की पहली बैठक है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर शुक्रवार को बेहद अच्छी और दोस्ताना बैठक की। मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘जय (जापान, अमेरिका, भारत) त्रिपक्षीय बैठक तीन दोस्ताना राष्ट्रों की एकजुटता का प्रतीक है। आज का ऐतिहासिक जय शिखर सम्मेलन एक शानदार शुरुआत है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मैंने संपर्क सुविधाएं बढ़ाने, समुद्री क्षेत्र में सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के बारे में सार्थक बातचीत की।’

मोदी ने भारत की ओर से साझा मूल्यों के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता बनाए रखने का वचन देते हुए कहा, ‘जब आप अपने इन तीन देशों-जापान, अमेरिका और भारत के संक्षिप्त अंग्रेजी नाम पर गौर करें तो यह ‘जय’ (जेएआई) बनेगा जिसका हिंदी में मतलब सफलता है।’ उन्होंने जय बैठक को तीन देशों के दृष्टिकोणों का सम्मिलन बताया। उन्होंने कहा, ‘लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखने वाले इन तीनों ऐसे देशों के लिए लिए बड़ा अच्छा मौका है। हम एक साथ मिलकर वैश्विक शांति, समृद्धि एवं स्थिरता के लिए काम करेंगे।’ मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के साझा हित के पांच सूत्रीय कार्यक्रम का सुझाव दिया। उन्होंने सभी देशों को इस रूपरेखा की समावेशिता तथा खुलापन का भरोसा दिया।
उन्होंने क्षेत्र में संपर्क सुविधाओं के विस्तार , टिकाउ विकास, आपदा राहत, समुद्री सुरक्षा और (समुद्री मार्गों से) निर्बाध आवागमन की व्यवस्था की दिशा में साथ मिलकर काम करने के महत्व पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए परस्पर लाभ और एक दूसरे की संप्रभुता एवं भौगोलिक अखंडता के प्रति सम्मान के सिद्धांत के आधार पर आम सहमति से एक व्यवस्था बनाने पर बल दिया। बाद में विदेश सचिव गोखले ने संवाददाताओं से कहा कि तीनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कहा, ‘वे इस बात पर सहमत हुए कि इस क्षेत्र की शांति एवं समृद्धि के लिए एक मुक्त, खुली, समावेशी तथा नियमों पर आधारित व्यवस्था आवश्यक है।’ उन्होंने कहा, इन देशों के लिए जरूरी है कि वे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लाभ को लेकर सभी सम्बद्ध पक्षों के साथ संपर्क करें।
जापान के प्रधानमंत्री आबे ने पहली जय बैठक पर खुशी जतायी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का वास्तविक रूप देने की दिशा में तीनों देशों के बीच करीबी तालमेल को बल मिलेगा। आबे ने कहा, ‘हम तीनों एक साथ काम कर क्षेत्र तथा वैश्विक स्तर पर अधिक स्थिरता और अधिक समृद्धि लाएंगे।’    ट्रंप ने बैठक के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि की कहानी की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘हम तीन देशों के बीच संबंध बेहद अच्छे और बेहद मजबूत हैं भारत के साथ संभवत: अब तक का सबसे मजबूत संबंध है।

भाषा
ब्यूनस आयर्स


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