26/11 और करतारपुर कॉरिडोर को एक साथ न जोड़ें
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने मुम्बई आतंकवादी हमले और पाकिस्तान के करतारपुर गलियारे के प्रस्ताव को एक दूसरे से नहीं जोड़ने का आह्वान किया।
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह (file photo) |
उन्होंने कहा कि सरकार की उस नीति में बदलाव नहीं आया है कि ‘वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते हैं।’
पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब रावी नदी के किनारे स्थित है और यह स्थल पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से लगभग चार किलोमीटर दूर है। इसकी स्थापना 1522 में सिख गुरु ने की थी। भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में गलियारा बनाये जाने की घोषणा की है। सिंह इस समय न्यूयार्क, वाशिंगटन डीसी और अटलांटा में ‘पासपोर्ट सेवा’ परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। मेरीलैंड में बाल्टीमोर गुरुद्वारा ने सिख समुदाय के लिए भारत सरकार के निर्णयों के लिए सिंह का अभिनंदन किया।
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारे के निर्माण पर जो वादा किया है, उस पर भारत विश्वास कर सकता है, तो मंत्री ने शनिवार को कहा,‘शुरुआत में (गलियारे को लेकर पाकिस्तान पर) संदेह नहीं उठाएं और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो पूरी दुनिया देखेगी। 26/11 और करतारपुर साहिब को एक दूसरे से न जोड़ें।’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, कॉरिडोर का निर्माण होने पर श्रद्धालु करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जा सकते हैं तो इससे बेहतर बात क्या हो सकती है। यह एक धार्मिक मामला है। जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली नई सरकार पर क्या वह विश्वास कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने (नई सरकार) कामकाज करना शुरू ही किया और वे खुद को साबित करें तो उन पर विश्वास किया जा सकता है।
उन्होंने कहा,‘हम बातचीत करने के इच्छुक हैं और यह 2014 में तय किया गया था। हम किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के इच्छुक है बशर्ते आप वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनायें।’ सिंह ने कहा, ‘उन्हें ऐसा करने दो। हम पाकिस्तान सरकार के इरादे को जान लेंगे। वह (इमरान) एक भरोसेमंद बल्लेबाज थे। अगर वह लंबे समय तक विकेट पर रहे, तो उन पर भरोसा किया जा सकता था। लेकिन अगर वह बाहर गए (जल्द ही), मुझे नहीं लगता कि उनकी टीम उन पर भरोसा करती।
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