किम की बातचीत की पेशकश का दक्षिण कोरियाई अखबारों ने किया स्वागत पर उ. कोरिया की गंभीरता को लेकर संशय में

Last Updated 08 Mar 2018 05:36:56 AM IST

परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा के लिए उत्तर कोरिया की पेशकश का बुधवार को दक्षिण कोरिया के अखबारों ने बहुत संयमित तरीके से स्वागत किया, लेकिन आगाह किया कि उत्तर कोरिया की गंभीरता को लेकर अब भी बड़ा प्रश्नचिह्न बना हुआ है.


उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में किम जोंग उन की दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के दूत चुंग ईयू योंग से मुलाकात का सियोल में टीवी पर प्रसारण देखते दक्षिण कोरियाई लोग. वर्षो के इनकार के बाद आखिरकार किम जोंग उन अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण के व

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने देश की यात्रा पर आए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के दूत चुंग ईयू- योंग को बताया कि अगर उत्तर कोरिया सैन्य खतरे से मुक्त रहे और उसके प्रशासन की सुरक्षा की गारंटी मिले तो ऐसा कोई कारण नहीं बनता कि वह अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को जारी रखे.

चुंग ने बताया कि किम अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण के विषय पर चर्चा करना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया परमाणु एवं मिसाइल परीक्षणों को बंद कर देगा जबकि बातचीत भी जारी हैं और उत्तर एवं दक्षिण कोरिया अगले महीने एक सम्मेलन के आयोजन पर सहमत हुए हैं. दक्षिण कोरिया के अखबार ‘चोसुन इलबो’  ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘इस समझौते में कुछ सकारात्मक बिंदु हैं.

हालांकि महत्वपूर्ण मुद्दों पर अब भी प्रश्नचिह्न बना हुआ है कि क्या उत्तर कोरिया वाकई में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों की रोक को लेकर बातचीत का इच्छुक है.’ वहीं‘ जूनगांग इल्बो’  अखबार लिखता है, ‘जब तक उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण नहीं करता तब तक अंतर- कोरियाई सम्मेलन का कोई मतलब नहीं बनता. अगर उत्तर कोरिया वाकई में कोरियाई प्रायद्वीप में शांति चाहता है तो उसे परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में कदम उठाना चाहिए.’

बातचीत के अवसर को हाथ से नहीं जाने दें : गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार को सभी पक्षों से अनुरोध किया कि वह उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच योजनाबद्ध सम्मेलन के अवसर को हाथ से नहीं जाने दें. गुटेरेस ने कहा कि सम्मेलन आयोजित करने और कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण पर भविष्य में होने वाली बातचीत पर चर्चा के लिए किए जा रहे प्रयासों से वह प्रोत्साहित हुए हैं.

आशावादी बनना जल्दबाजी होगी
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जाई एन ने बुधवार को कहा कि उत्तर कोरिया के बारे में आशावादी बनना जल्दबाजी होगी. मून ने राजनीतिक दल के नेताओं से कहा, ‘हम केवल शुरुआती लाइन पर हैं.’ प्योंगयांग के ऐतिहासिक दौरे से लौटने के बाद उनके राजदूत ने किम जोंग उन की पेशकश के बारे में उन्हें बताया. उन्होंने प्योंगयांग के साथ पर्दे के पीछे के समझौते के आरोपों से इंकार किया.

एएफपी


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