सचेतन रूप से हम चुनते नहीं कि हम जन्म लें। सचेतन रूप से सिर्फ एक ही मौका आता है चुनने का, वह तब आता है जब पूरी तरह व्यक्ति स्वयं को जान लिया होता है। ....
हम सभी के भीतर एक दिव्य चिंगारी छिपी हुई है। विस्मयकारी सौंदर्य के मंडल, अकल्पनीय दृश्य और ध्वनियां, असीम विवेक और पूर्ण रूप से आलिंगित करता प्रेम हमें अंतर में आमंत्रित करते हैं। ....