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उच्चतम प्रार्थना | ||||
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प्रार्थना परमात्मा से बात करने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। लोग कई प्रकार की प्रार्थनाएं करते हैं।
कुछ लोग संसार की वस्तुओं को पाने के लिए प्रार्थना करते हैं। उदाहरण के लिए, एक बढ़िया नौकरी मिले। नया घर या नई कार मिले। कुछ लोग अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं कि वे और उनका परिवार शारीरिक रूप से स्वस्थ हो जाएं। कुछ अपने निजी संबंधों को बेहतर बनाने की प्रार्थना करते हैं। ज्यादातार लोग संसार की वस्तुओं के लिए प्रार्थना करते हैं। आमतौर पर जब हम प्रार्थना करते हैं, तब प्रभु से पूछते हैं कि क्या वे हमें वह सब देंगे? जब हम प्रार्थना करते हैं, हम हमेशा उन वस्तुओं को पाने की कोशिश करते हैं, जो हमें लगता है कि हमें मदद करेंगी। इस समय हमारे जीवन की सबसे बड़ी तस्वीर के बारे में हमारी जानकारी सीमित है।
हमें लगता है, हम जो मांग रहे हैं वह हमें तमाम उम्र मदद करेगा परन्तु हो सकता है वह हमारे जीवन भर के लिए सही योजना न हो। जब हम प्रार्थना करते हैं और मनवांछित चीज पा भी लेते हैं, किंतु कुछ समय बाद देखते हैं कि वह अधिक समय के लिए हमारे लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए प्रार्थना करने का सही तरीका है कि प्रभु जो चाहे, वही हमारे जीवन में हो। प्रभु प्रत्येक और हर चीज जो हमारे साथ हो रही है, से वाकिफ हैं। प्रभु जानते हैं कि हमारे लिए क्या बेहतर है। उदाहरण के लिए हम सोच सकते हैं कि हमारे लिए एक करोड़ की लाटरी जीतना बेहतर हो सकता है यद्यपि थोड़े समय पश्चात हम यह अनुभव करते हैं कि रुपये मिलने के बाद दो अलग चीजों हो सकती हैं।
हो सकता है कि इतनी बड़ी धनराशि मिलने का बाद हम रंगरलियों में खो जाएं और प्रभु को भूल जाएं अथवा हमारे सभी दोस्त उसका एक हिस्सा चाहें और अगर हम उन्हें ना करेंगे तब अपने दोस्तों को खो देंगे और हमारी जिंदगी तनहा हो जाएगी। हम अपने सीमित नजरिये के अनुसार जो हमारे लिए अच्छा है, मांगते हैं, किंतु अगर हम प्रभु के ऊपर छोड़ दें कि वे हमें वह दें, जो हमारे लिए बेहतर हो तब हम सच्ची प्रार्थना कर रहे हैं।
प्रार्थना का उच्चतम प्रकार है, प्रभु को जानना और उससे एकमेक होना। चाहे अन्ये प्रार्थनाएं सच्ची हो सकती हैं, किंतु वे अक्सर कुछ प्राप्त करने के लिए की जाती हैं, जो हमारे भौतिक अस्तित्व को कायम रखने में सहायक होती हैं।
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