शाकाहार
आप के शरीर के अंदर जो खाना जा रहा है, उसके गुणों की बात करें तो आप के शरीर के लिए निश्चित रूप से मांसाहारी भोजन की अपेक्षा शाकाहारी भोजन बेहतर है।
![]() जग्गी वासुदेव |
हम इसको किसी नैतिकता के पैमाने से नहीं देख रहे। सिर्फ इस दृष्टि से देख रहे हैं कि हमारी शारीरिक व्यवस्था के लिए क्या अनुकूल है-हम वो चीजें खाना चाहेंगे जो हमारे शरीर को आराम में रखें। आप अपना कारोबार सही ढंग से करना चाहते हों, या पढ़ाई, या अन्य कोई गतिविधि करना चाहें, तो यह बहुत जरूरी है कि आपका शरीर आरामदायक अवस्था में हो। तो हमें उस प्रकार का भोजन करना चाहिए जिससे शरीर आराम में रहे और उसे भोजन से पोषण लेने में संघर्ष ना करना पड़े।
थोड़ा प्रयोग कीजिए और देखिए कि आप शाकाहारी भोजन को जब उसके जीवित रूप में लेते हैं, तो यह कितना अंतर ला देता है! आईडिया यह है कि हम जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा भोजन उसके जीवित रूप में लें- जो भी उसके जीवित रूप में खाया जा सकता है वह वैसे ही खाया जाना चाहिए। एक जीवित कोशिका में वह सब है जो जीवन को बनाए रखने के लिए जरूरी है। जब आप एक जीवित कोशिका को खाते हैं तो देखेंगे कि आपके शरीर का स्वास्थ्य, अब तक आपने जो कुछ जाना है, उससे बहुत अलग प्रकार का होगा। जब हम भोजन को पकाते हैं तो उसका जीवन नष्ट हो जाता है, और उसके जीवन को नष्ट करने के बाद उसे खाने से आपके शरीर को उतनी जीवन ऊर्जा नहीं मिलती। पर जब आप जीवित भोजन को खाते हैं तो यह आपमें एक नये प्रकार की जीवंतता ला देता है।
अगर आप बहुत सारा अंकुरित अनाज, फल और जो भी सब्जियां जीवित रूप में खायी जा सकें, ऐसा कम से कम 30 से 40% भोजन लेते हैं-तो आप देखेंगे कि यह आपके जीवन को बहुत अच्छी तरह से रखेगा। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आप जो भी भोजन खाते हैं, वह स्वयं में जीवन है। तो वे अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं, जिससे हमारा जीवन बना रहे। यदि हम उन सभी जीवनों के प्रति अत्यंत कृतज्ञता के भाव के साथ उन्हें ग्रहण करते हैं- क्योंकि हमारा जीवन बनाए रखने के लिए, वे अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं-तो आप के अंदर यही भोजन बिल्कुल अलग ढंग से व्यवहार करेगा।
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