नींद

Last Updated 04 Mar 2020 02:59:50 AM IST

हमारे शरीर को नींद की आवश्यकता नहीं है। इसको जरूरत है आराम की।


जग्गी वासुदेव

अधिकतर लोगों के अनुभव में, वे जिस आरामदायक अवस्था को जानते हैं, उसका सबसे गहरा रूप नींद है, अत: वे नींद के बारे में बात करते रहते हैं। पर मूल रूप से, शरीर आप से नींद नहीं मांगता। वो आराम चाहता है। आप जब बहुत सारी गतिविधियां करते हैं तो आप के शरीर में तनाव इकट्ठा होने लगता है, जिसके कारण कुछ समय बाद शरीर नींद लेना चाहता है।

आजकल कुछ तथाकथित विशेषज्ञ हैं जो नींद को बढ़ावा दे रहे हैं। मुझे लगता है कि नींद को बढ़ावा देने की कोई जरूरत नहीं है-लोग जब थक जाते हैं तब स्वयं ही नींद में चले जाते हैं। पर कई लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं कि हरेक को प्रति दिन 8 से 10 घंटे सोना ही चाहिए। मान लीजिये, आप 100 साल जीवित रहते हैं और रोज 8 घंटे सोने की बात मान लेते हैं तो अपने अंत समय तक आप 33 से भी ज्यादा वर्षो का समय सिर्फ  सो कर ही बिता चुके होंगे। लोगों ने इस आराम वाली बात को ठीक से समझा नहीं है।

तो, आज आप बस ये सरल सी चीज कीजिये-भोजन से पहले और बाद में अपनी नाड़ी को माप लीजिये। अब, अगर आप ईशा क्रिया सीख लें, जो एक बहुत ही सरल क्रिया है और जिसके लिये आप को दिन के बस 12 मिनट लगेंगे, अगर आप इसे नियमित रूप से 4 से 6 सप्ताहों तक करें और फिर आप भोजन से पहले तथा बाद में अपनी नाड़ी का परीक्षण करें तो आप पाएंगे कि ये कम हो गयी है। इसका अर्थ ये है कि आप की आरपीएम कम हो गई है। अगर आप अपनी कार को 5000 आरपीएम पर चलाते हैं तो 2000 आरपीएम पर चलाने की अपेक्षा ये ज्यादा जल्दी खराब होगी।

इसी तरह अगर आप लगातार ज्यादा आरपीएम पर काम करते रहते हैं तो आप ज्यादा थक जाते हैं और फिर उसकी भरपाई के लिए ज्यादा नींद लेते हैं। अगर आप अपने आप को आरामदायक अवस्था में ले आते हैं, तो आप अपने सिस्टम को शांत बना लेते हैं। जब आप यहां पूर्ण शांति में होते हैं तो आप के शरीर में जो तनाव बनता है वो बहुत कम होता है। आप को कितने घंटे सोना चाहिये यह तय करने की आप को कोई जरूरत नहीं है। जब आपको पर्याप्त आराम मिल जाये तो आप को जाग जाना चाहिए। और फिर अपनी दिनचर्या में तल्लीनता से लग जाना चाहिए।



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