स्वस्थ शरीर

Last Updated 05 Feb 2020 04:38:28 AM IST

स्वास्थ्य के बारे में सबसे सरल बात यह है कि आप बस शरीर का उपयोग करें। मैं तो कहूंगा कि हम अपने शरीरों का जितना संभव है उतना उपयोग करें, तो इस धरती की 80 फीसद बीमारियां गायब हो जाएंगी।


जग्गी वासुदेव

बाकी की 20 फीसद में से 10 फीसद खाद्य पदाथरे के कारण होती हैं, जो लोग खाते हैं। आप उसे बदल दें तो सिर्फ 10 फीसद बीमारियां ही रह जाएंगी जो कई कारणों से होती हैं।

एक कारण तो कर्म संबंधी है, दूसरा वातावरण का है तथा कुछ और पहलू हैं जो आपकी शारीरिक व्यवस्था पर प्रभाव डालते हैं, जिन्हें हम संभाल सकते हैं। सभी बीमार लोगों में 90 फीसद लोग अपने शरीर का अच्छा उपयोग कर तथा सही ढंग का खाना खा कर, उसे ठीक कर सकें तो बाकी के 10 फीसद को आराम से संभाला जा सकता है। लोग इस तरह से व्यवहार कर रहे हैं जैसे कि स्वास्थ्य हमारा कोई विचार है, और हमने स्वास्थ्य को बनाया है। परंतु स्वास्थ्य कोई ऐसी वस्तु नहीं है जिसका आपने आविष्कार किया हो। यह आपका विचार नहीं है। जब जीवन प्रक्रिया सही चलती है तो वो ही स्वास्थ्य है।

आप जीवन को पूरी तरह से होने देंगे तो शरीर स्वस्थ ही रहेगा। अत: आप को सिर्फ  अपने शरीर, दिमाग और अपनी ऊर्जाओं का सही उपयोग करना है। ये तीन चीजें सही तरह के अभ्यास में हैं, संतुलित हैं तो आप स्वस्थ रहेंगे। मेरे साथ एक बार ऐसा हुआ। काफी पहले, दूसरे या तीसरे भाव स्पंदन कार्यक्रम के दौरान हुआ। मैं यह कार्यक्रम एक छोटी-सी जगह पर कर रहा था जहां मुझे सीढ़ियों पर से अनगिनत बार ऊपर-नीचे आना-जाना पड़ता था, क्योंकि व्यवस्था उसी तरह की थी। एक दिन, जब कार्यक्रम का संचालन भी कर रहा था और रसोईघर का प्रबंधन भी, मैंने गिनती की और पाया कि उस दिन मैं सीढ़ियों पर 125 बार चढ़ा-उतरा था। पर कार्यक्रम के अंत में एकदम स्वस्थ था।

आप अचानक बहुत अधिक गतिविधि कर डालें तो आप थक सकते हैं, बीमार हो सकते हैं। पर आप अपने जीवन में, अपनी गतिविधि को धीरे-धीरे बढ़ाएं तो आपका शरीर, मन और ऊर्जा संबंधी स्वास्थ्य सुधरेगा। आपका शरीर अच्छे से काम कर रहा है, आपका मन भी अच्छे से काम कर रहा है और आपकी ऊर्जा दोनों का साथ दे रही है तथा सुनिश्चित कर रही है कि कुछ भी गलत न हो, तो यही स्वास्थ्य है।



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