खेलकूद
जब आप बच्चे थे तब आप का खेलकूद आप को पूरी तरह व्यस्त रखता था, आप का खेलकूद हर समय चलता रहता था।
जग्गी वासुदेव |
आप जब युवा हुए तो वो सब खेलकूद आप को थोड़ा मूर्खतापूर्ण लगने लगा, आप को लगा कि अब आप थोड़े गंभीर और उद्देश्यपूर्ण हो गए हैं। उसके बाद क्या हुआ? आप की बुद्धिमत्ता को आप के हार्मोन्स ने जकड़ लिया। फिर आप कुछ भी स्पष्ट रूप से दिखना बंद हो गया। अचानक ये होने लगा कि जब भी आप किसी स्त्री या पुरुष को देखते थे तो सभी प्रकार की चीजें हो जाती थीं। फिर धीरे-धीरे आप बूढ़े होने लगे। बूढ़े लोग बस हमेशा चिंतित रहते हैं। एक बच्चा पूरी तरह से खेल में व्यस्त रहता है, आप उससे अंतिम सत्य के बारे में बात नहीं कर सकते।
युवा पूरी तरह से हार्मोन्स के शिकंजे में होते हैं, उनसे भी आप ये बातें नहीं कर सकते। बूढ़े लोग बस इस चिंता में लगे रहते हैं कि वे स्वर्ग में कहां होंगे? तो आप उनसे भी इस बारे में बात नहीं कर सकते। फिर बताईये, यहां है कौन? कोई ऐसा, जो न बच्चा हो, न युवा, न वृद्ध-कोई ऐसा जो सिर्फ जीवन हो-सिर्फ उससे ही आप ये बात कर सकते हैं। अत:, इस बात को आप अपने पहले या आखिरी कदम के रूप में न देखें। यहां बस जीवन के एक अंश की तरह रहें। उस तरह से रहना ही सबसे अच्छी तरह से ‘होना’ है।
आप कोई युवा नहीं हैं, न ही कोई वृद्ध हैं। ये तो धरती तय करेगी कि आप के शरीर को कब वापस लेना है। जब खाद तैयार हो जाएगी तब धरती इसे वापस ले लेगी, पेड़ तो प्रतीक्षा कर ही रहे हैं। इस बारे में चिंता मत कीजिये। आप बस जीवन का एक अंश हैं। इस जीवन के रूप में कोई युवा नहीं, कोई वृद्ध नहीं, कोई बच्चा नहीं। इस जीवन को बस कुछ बड़े में परिपक्व होना है! जीवन के सभी पहलू आप के लिए सिर्फ तभी घटित होंगे जब आप यहां बस जीवन के एक अंश के रूप में होंगे। आप अगर यहां एक पुरु ष के रूप में हैं, तो आप के लिए कुछ चीजें घटित होंगी।
यदि आप एक स्त्री के रूप में हैं तो कुछ अन्य चीजें होंगी। और अगर आप बस एक बच्चे के रूप में हैं तो कुछ और होगा। अगर आप एक डॉक्टर के रूप में हैं, या एक इंजीनियर या कलाकार, या कुछ और, तो आप के लिए कुछ अलग अलग चीजें घटित होंगी, लेकिन अगर आप यहां जीवन के एक अंश की तरह होंगे तो फिर जीवन के साथ जो कुछ हो सकता है, वो सब आप के साथ होगा।
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