शरीर

Last Updated 16 Oct 2019 04:24:22 AM IST

शायद आप नहीं चाहेंगे कि मैं ऐसे शब्द कहूं, लेकिन अपने जीवन के हर क्षण में, आप अपनी मृत्यु के थोड़ा पास पहुंच रहे हैं।


जग्गी वासुदेव

मैं आपको दीर्घायु होने का आशीर्वाद दूंगा पर मृत्यु तो हर मिनट आपके पास आ ही रही है। हमारे जीवन के जो दो सबसे महत्त्वपूर्ण आयाम हैं, वे हैं समय और ऊर्जा। आप अपनी ऊर्जाओं को अच्छे से मैनेज करते हैं, तो आपकी ऊर्जाओं के बढ़ जाने से आपके अनुभव में समय भी ज्यादा अच्छा गुजरेगा। जब आपके जीवन के अनुभव मधुर होते हैं, तो वे जितने ज्यादा मधुर होते जाएंगे, उतनी ही ज्यादा तेजी से आपको समय बीतता मालूम पड़ेगा।

आप सुबह उठेंगे और आपको पता चलने से पहले दिन पूरा भी हो जाएगा-इसका सीधा अर्थ है कि सब कुछ अच्छा है, आप बढ़िया स्थिति में हैं। आपका समय जल्दी नहीं गुजरता, भारी मालूम होता है तो इसका अर्थ है कि आपकी स्थिति कष्टप्रद है, खराब है। आपका यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि इस धरती पर, आज के समय में, एक मनुष्य के रूप में आपके शरीर के अंदर समय किस तरह चल रहा है, या आप समय का अनुभव किस प्रकार कर रहे हैं।

आपके शरीर के कई आयाम इस धरती पर समय को तय करने के मूल भागों के साथ तालमेल में हैं। हमारे लिए समय का मूल माप तो पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर घूमना ही है, जो एक वर्ष है। चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूम रहा है और इसका एक चक्र एक महीना है। लेकिन समय का सबसे मूल माप पृथ्वी के अपनी धुरी पर चक्कर लगाने से मिलता है। पृथ्वी के एक चक्कर को हम एक दिन कहते हैं। पृथ्वी की भूमध्य रेखा 21600 नॉटिकल मील लंबी है।

एक दिन में आपके द्वारा ली गई सांसों की संख्या भी 21600 ही है। इसे 1440 से भाग करें-जो हर दिन के मिनटों की संख्या है-तो उत्तर मिलता है 15। इसका अर्थ है कि आप हर मिनट लगभग 15 सांसें ले रहे हैं, तो आप पृथ्वी के अपनी धुरी पर चक्कर लगाने के साथ पूरी तरह तालमेल में हैं। आपके हृदय की धड़कनें प्रति मिनट 70 से 72 के बीच हैं, तो आपका हृदय भी आप की सांस के साथ तालमेल में है, सांस पृथ्वी के चक्करों के साथ तालमेल में है। अपनी शारीरिक व्यवस्था में तालमेल लाने का यह सरल उपाय है। आप यह करते हैं, तो आपके शरीर की बाध्यताएं, शरीर की मजबूरियां छूट जाएंगी।



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