प्रभाव

Last Updated 11 Oct 2019 05:00:00 AM IST

मनुष्य होने के कारण हम बहुत सारी अलग-अलग गतिविधियां कर सकते हैं।


जग्गी वासुदेव

हमारी गतिविधि चाहे जिस भी तरह की हो, आजकल तो सख्त से सख्त कारोबारी भी सिर्फ  लाभ की नहीं बल्कि प्रभाव की भी बात कर रहे हैं। प्रभाव का मतलब यही है कि ‘हम किसी के जीवन को छूना चाहते हैं’। चाहे कारोबारी लोग प्रभाव की बात करें, या आप किसी के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाएं, मूल रूप से, कहीं न कहीं आप किसी के साथ कुछ समय के लिये ही सही, अपने बीच की सीमाएं तोड़ना चाहते हैं। एक योगी होने का अर्थ ये है कि आप अपनी व्यक्तिगतता की सीमाओं को मिटाने के लिये तैयार हैं। अपने व्यक्तित्व की सीमाओं को मिटाने के लिए तैयार होना।

किसी तरह से, आप उन सीमा रेखाओं को मिटा देना चाहते हैं जो आप को ब्रह्मांड से अलग करती हैं। योग का अर्थ है कि आप उस ओर वैज्ञानिक ढंग से जाएं। आप को कोई बहुत बड़ी गतिविधि नहीं करनी है, शारीरिक संबंधों में नहीं लगना है, किसी भी चीज में नहीं फंसना है। आप अगर जागरूकता से अपनी सीमाएं मिटाते हैं, तो यहां बैठे-बैठे, आपको किसी भी अन्य गतिविधि से अरबों गुना ज्यादा का अनुभव मिलेगा, और ये सब बहुत ही अदभुत होगा।

योग का सीधा अर्थ है-अपनी सीमाएं मिटाना। इस धरती पर आपको हर तरफ जो मानवीय पागलपन दिखता है, वह सिर्फ  इसलिये है क्योंकि मनुष्यों ने कड़ी सीमाएं बना कर रखी हैं। उन्होंने अपनी सीमाओं को इतना ठोस बना रखा है कि अगर दो लोग मिलते हैं, तो वे झगड़ते ही हैं। योग का अर्थ शरीर को तोड़ना, मरोड़ना नहीं है, न ही ये वजन कम करने या तनाव से मुक्ति दिलाने का कार्यक्रम है। इसका अर्थ सिर्फ  यह है कि आप ‘मैं बनाम ब्रह्मांड’ की मूर्खता को समझ गए हैं।

यह तो एकदम पागलपन है कि आप उसके साथ मुकाबला करें जो आप के जीवन का स्रोत है। आप जब ये समझ लेते हैं, तभी आप योग की ओर बढ़ते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इसे कैसे करते हैं। आप इसे असर कह सकते हैं, सेवा कह सकते हैं, जो चाहे कह सकते हैं। मूल रूप से जब आप समझ जाते हैं कि ये ‘मैं बनाम बाकी का ब्रह्मांड’ एक बेवकूफी भरा मुकाबला है तो आप अपनी सीमाओं को ढीला करना शुरू कर देते हैं- ये ही योग है। इसका मतलब होता है ‘असफल न होने वाले’ तरीके से उस ओर बढ़ना।



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