परिवार का महत्त्व
परिवार इंसान के विकास के लिए एक मजबूत आधार है। मगर कई लोगों के लिए परिवार एक सहारा नहीं बनता, बल्कि बाधा बन जाता है।
जग्गी वासुदेव |
वह ऊपर उठाने की प्रक्रिया नहीं बनता, एक उलझन बन जाता है। इसलिए नहीं कि परिवार वाकई कोई समस्या है, बल्कि आप उसे जिस तरह लेते हैं, उससे वह एक समस्या बन जाता है। एक बार, एक पारिवारिक डिनर पर, शंकरन पिल्लै ने घोषणा की कि वह शादी करने जा रहा है। हर किसी ने पूछा, ‘क्या! तुम किससे शादी करने जा रहे हो?’ शंकरन पिल्लै बोला, ‘मैं अपनी पड़ोसन लूसी से शादी करने जा रहा हूं।’ उसके पिता ने कहा, ‘क्या! तुम उस घटिया लूसी से शादी करने जा रहे हो? हम उसके खानदान के बारे में भी नहीं जानते।’ उसकी मां बोली, ‘क्या! तुम उस घटिया लूसी से शादी करने जा रहे हो? उसके पास कोई खानदानी विरासत नहीं है।’
चाची बीच में बोली, ‘क्या! तुम उस घटिया लूसी से शादी करने जा रहे हो? वह कितना भयानक मेकअप करती है।’ इसी तरह उसके चाचा, चाची यहां तक कि उसके भतीजे ने भी आश्चर्य और अफसोस जताकर पूछा, ‘क्या! तुम उस घटिया लूसी से शादी करने जा रहे हो?’ शंकरन पिल्लै अपनी बात पर अड़ा रहा और बोला, ‘हां, मैं उसी लूसी से शादी करने जा रहा हूं क्योंकि इसका एक बड़ा फायदा है।’ ‘क्या?’ सभी ने पूछा। ‘उसका परिवार नहीं है।’ जब हमारे यहां एक बच्चा पैदा होता है, तो वह बाकी जीवों के बच्चे की तरह पूरी तरह तैयार नहीं होता। उसे पोषण, ट्रेनिंग और सांचे में ढालने की जरूरत पड़ती है। इसलिए परिवार की जरूरत हुई। परिवार इंसान के विकास के लिए एक मजबूत आधार है।
परिवार इसका एक उदाहरण है कि किस तरह आपकी खुशहाली के लिए बनाई गई किसी चीज को एक परेशानी में बदला जा सकता है। यह परिवार जब अपने स्वाभाविक महत्तर मकसदों का पालन नहीं करता तो फिर वह विकास का अवरोधक हो जाता है। वैसे इस तरह की कई और चीजें भी हैं, जैसे धन-दौलत और संपन्नता। जाहिर है कि संपन्नता को आपके लिए खुशहाली लानी चाहिए, मगर अपने तंग नजरिये के चलते अधिकांश लोग उसे जहर की तरह इस्तेमाल करते हैं। शिक्षा को खुशहाली लाना चाहिए था मगर अब शिक्षित लोग ही धरती को नष्ट कर रहे हैं।
| Tweet |