उबरना डर से

Last Updated 05 Dec 2017 05:27:03 AM IST

भय को न मारा जा सकता है न जीता जा सकता है, केवल समझा जा सकता है और केवल समझ ही रूपांतरण लाती है, बाकी कुछ नहीं. तुम अपने भय को जीतने की कोशिश करोगे तो यह दबा रहेगा.


आचार्य रजनीश ओशो

भय को तुम दबा सकते हो. वह तब भी तुम पर हावी होगा, तुम पर कब्जा करेगा लेकिन ऐसे परोक्ष ढंग से कब्जा करेगा कि तुम्हें उसका पता भी न चले. लेकिन तब खतरा और भी गहरा हो जाएगा. तो भय को जीतना नहीं है.

भय को तुम मार नहीं सकते क्योंकि उसमें एक प्रकार की ऊर्जा होती है और कोई भी ऊर्जा कभी नष्ट नहीं की जा सकती. क्रोध और भय, दोनों एक ही ऊर्जा के दो आयाम हैं. क्रोध आक्रामक है और भय अनाक्रमक. तुम क्रोध में होते हो तो तुममें कितनी ताकत आ जाती है, ऊर्जा भर जाती है. क्रोध में होते हो तो एक बड़ी चट्टान भी उठाकर फेंक सकते हो; आम तौर पर उतनी बड़ी चट्टान तो तुम हिला भी नहीं सकते.

तुम किसी भी चीज को नष्ट नहीं कर सकते, केवल उसका रूप बदल सकते हो. युगों-युगों से यही किया गया है-लोग भय को नष्ट करने की, क्रोध को, काम को, लोभ को और ऐसी कितनी ही चीजों को नष्ट करने की कोशिश करते रहे हैं. परिणाम क्या हुआ? मनुष्य उथल-पुथल हो गया है. कुछ भी नष्ट नहीं हुआ, सब कुछ वैसा का वसा है, बस चीजें उलझ गई हैं. कुछ भी नष्ट करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पहली बात कुछ भी नष्ट किया ही नहीं जा सकता. तो फिर क्या करना है? भय को तुम्हें समझना है. भय क्या है?

कैसे उठता है? कहां से आता है? उसका संदेश क्या है? बिना किसी पक्षपात के उसमें झांको, तभी समझ पाओगे? तुम्हारी पहले से ही धारणा बनी हुई है कि भय गलत है, कि भय नहीं होना चाहिए-‘मुझे भयभीत नहीं होना चाहिए’ -तब तुम उसमें झांक न पाओगे. भय का आमना-सामना तुम कैसे कर सकते हो? तुमने पहले से ही निर्णय ले लिया है कि भय तुम्हारा दुश्मन है, तो उसकी आंखों में तुम कैसे झांक सकते हो? तुम सोचते हो कि यह गलत चीज है तो तुम उससे बचकर निकलना चाहोगे, उसकी उपेक्षा करना चाहोगे.

पहले सारे पूर्वाग्रह, सारी धारणाएं, पूरी निंदा को छोड़ो. भय एक तथ्य है. उसका सामना करना है, उसको समझना है. और केवल समझ के द्वारा ही उसे रूपांतरित किया जा सकता है. वास्तव में समझने से ही वह रूपांतरित हो जाता है. बाकी कुछ और करने की जरूरत नहीं है; समझ ही उसे रूपांतरित कर देती है.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment