मशहूर अभिनेत्री सुलोचना लाटकर के निधन पर महाराष्ट्र के CM शिंदे, शारद पवार सहित दिग्गजों ने जताया शोक
मराठी फिल्मों में नायिका के रूप में पहचान बनाने वाली और बॉलीवुड पर्दे पर मां के रूप में सम्मान अर्जित करने वाली दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लाटकर उर्फ 'सुलोचना दीदी' का निधन हो गया है।
![]() सुलोचना लाटकर का निधन पर दिग्गजों ने जताया शोक |
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) समेत अन्य नेताओं ने रविवार को मशहूर अभिनेत्री सुलोचना लाटकर (Sulochana Latkar) के निधन पर शोक जताया।
लाटकर का लंबी बीमारी के बाद यहां एक अस्पताल में रविवार को निधन हो गया। वह 94 वर्ष की थीं। लाटकर के पोते पराग अजगावकर ने यह जानकारी दी। मराठी (Marathi) और हिंदी सिनेमा (Hindi Cinema) की जानी-मानी अभिनेत्री लाटकर ने 1940 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की और 250 से अधिक फिल्मों में काम किया।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि फिल्म उद्योग ने मां जैसी शख्सियत को खो दिया है। उन्होंने कहा कि लाटकर के हिंदी और मराठी दोनों फिल्म उद्योगों के साथ अच्छे संबंध थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख पवार ने अपने शोक संदेश में कहा कि लाटकर के निधन से फिल्म उद्योग ने बड़ा कलाकार खो दिया है। Sulochana Latkar Dies: दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना दीदी का निधन, अमिताभ बच्चन से लेकर राजेश खन्ना तक बड़े स्टार्स संग कर चुकी हैं काम
पवार ने कहा कि लाटकर ने छह दशकों से अधिक के करियर में हिंदी और मराठी सिनेमा में विभिन्न किरदारों के साथ खुद के लिए एक जगह बनाई। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि फिल्म उद्योग ने एक सदाबहार कलाकार खो दिया है।
राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा, ‘‘सुलोचना दीदी के निधन से मराठी और हिंदी सिनेमा के एक गौरवशाली युग का अंत हो गया।’’
फडणवीस ने कहा, उन्होंने स्वतंत्रता-पूर्व और स्वतंत्रता के बाद के युग में एक प्रमुख अभिनेत्री के रूप में लंबे समय तक काम किया और उसके बाद भी विभिन्न भूमिकाएं निभाती रहीं। आज हम सभी ने चरित्र को पूरी तरह से जीवंत करने वाली और एक महान कलाकार वात्सल्यमूर्ति को याद किया है। उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि!
लाटकर की उल्लेखनीय फिल्मों में मराठी में ‘‘सासुरवास’’, ‘‘वहिनींच्या वांगडया’’, और ‘‘धाकटी जाऊ’’ तथा हिंदी में ‘‘आए दिन बहार के’’, ‘‘गोरा और कला’’, ‘‘देवर’’, ‘‘तलाश’’ और ‘‘आजाद’’ शामिल हैं। लाटकर को 1999 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
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