कार्रवाई: तुर्किये पर भारत की ‘ट्रेड स्ट्राइक’

Last Updated 20 May 2025 11:06:42 AM IST

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकियों को सबक सिखाने और आतंकवाद के प्रति भारत की असहिष्णुता की नीति के तहत भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी थी।


कार्रवाई: तुर्किये पर भारत की ‘ट्रेड स्ट्राइक’

हालांकि बाद में पाकिस्तान ने घबराकर संघषर्-विराम का प्रस्ताव रखा जिसे भारत ने सशर्त स्वीकार कर लिया। पाकिस्तान के साथ इस सैन्य-संघर्ष में भारत के विरुद्ध प्रतिक्रिया देने और नापाक इरादों वाले पाकिस्तान का साथ देने वाले देशों विशेषत: तुर्किये और अजरबैजान के लिए भारत में बहुत नाराजगी देखी जा रही है। 

इस संघर्ष में तुर्किये ने जिस तरीके से भारत के खिलाफ वाक-युद्ध छेड़ा, यह संप्रभु भारत के लिए असहनीय व अस्वीकार्य था। तुर्किये ने न केवल मीडिया व अन्य मंचों पर भारत के विरु द्ध बयान दिए बल्कि पाकिस्तान को इस संघर्ष में सैन्य संसाधन उपलब्ध करवा कर सहायता भी की। 14 मई को तुर्किये प्रधानमंत्री अर्दोआन ने पाकिस्तान को अपना दोस्त बताते हुए भारत के खिलाफ विष वमन किया। संघर्ष के दौरान भारत पर हुए ड्रोन हमलों में प्रयुक्त बेयकर यीहा 3 और असीसगार्ड सोंगर नामक ड्रोन भी तुर्किये ने ही उपलब्ध कराए। इसके बाद भी जब पाक-सेना इनको ठीक से प्रयोग करने में अक्षम रही तो तुर्किये ने अपने तकनीकी विशेषज्ञों तक को सहायता के लिए पाकिस्तान भेजा था।

भारत ने पाकिस्तान के प्रति तुर्किये के इस समर्थन व सहयोग को परोक्ष रूप से आतंकवाद व इसकी समर्थक सत्ताओं के लिए प्रोत्साहक माना। पाकिस्तान से सीजफायर के बाद भारत ने तुर्किये पर महत्त्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए कूटनीतिक तरीके से इसके भारत के साथ हो रहे विदेशी-व्यापार को लक्ष्य बनाया। तुर्किये ने पाकिस्तान को अपना महत्त्वपूर्ण मित्र राष्ट्र तो बताया पर वह यह भूल गया कि भारत ही वह देश है जिसने 2023 में उसके देश में आए भूकंप पर ऑपरेशन दोस्त के तहत सबसे पहले व सबसे तेज 12 घंटे में राहत सामग्री, बचाव उपकरण, सेना व एनडीआरएफ की टीम भेजी थी। दगाबाज तुर्किये का यह दुष्कृत्य न केवल सरकार बल्कि यहां के जनमानस के लिए भी अस्वीकार्य था। 

अत: हमारी सरकार द्वारा विरोधस्वरूप तुर्किये के विरुद्ध कुछ प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जाते, इससे पहले ही हमारी राष्ट्रवादी जनता ने स्वत: संज्ञान लेकर स्वविवेक से तुर्किये से आयातित उत्पादों का बहिष्कार कर उनके विरु द्ध मोर्चा खोल दिया। सर्वप्रथम देशवासियों ने तुर्किये के पर्यटन व्यवसाय पर चोट की और वहां घूमने जाने वाले भारतीयों ने बड़ी संख्या में अपने टिकिट रद्द करवाए। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 9 मई को घोषणा की कि वे अब तुर्की और अजरबैजान के लिए पैकेजों का प्रचार या बिक्री नहीं करेंगे। इससे तुर्किये को होने वाले आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया जा सकता है। 

वर्ष 2024 में लगभग 3.30 लाख भारतीय पर्यटकों ने तुर्किये की यात्रा की, जिसका वहां की अर्थव्यवस्था में करीब 3000 करोड़ रुपये का योगदान था। विरोध के इस रास्ते को धीरे-धीरे अन्य उद्योगों ने भी अपनाया। देश के फल व्यापारियों ने तुर्किये से आयात होने वाले सेबों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। पर्यटन और बागवानी फसल सेब के बाद तुर्किये के मार्बल उद्योग पर भी भारत ने प्रहार किया है। तुर्किये से भारत विभिन्न प्रकार के मार्बल जिसमें ब्लॉक और स्लैब शामिल है, का आयात करता है। अब मार्बल आयात को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। भारत में विभिन्न देशों से आयात होने वाले कुल मार्बल का 70 प्रतिशत आयात अकेले तुर्किये से होता है।  राष्ट्र-हित व देश के प्रति उद्योग जगत की प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि इसके बाद भारत ने तुर्किये से आयात होने वाले ज्वेलरी उद्योग पर भी स्ट्राइक कर दी है। 

पिछले कुछ समय से भारत में तुर्किये में बनी कम वजन की ज्वेलरी खूब प्रचलन में आई है। इसने हमारे स्थानीय बाजारों में धूम मचा रखी है। फलत: बाजार में इसकी मांग भी तेजी से बढ़ने लगी। अब तुर्किये को घुटनों पर लाने के लिए अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष ने देश के सभी आभूषण विक्रेता, निर्माता, व्यापारी और थोक विक्रेता से तुर्किये से सभी लेन-देन बंद करने की अपील की है। इसके अतिरिक्त इन मुख्य आयातकों वस्तुओं या उत्पादों के साथ ही सब्जियों, चूना, सीमेंट, खनिज-तेल, रसायन, प्राकृतिक या संवर्धित मोती, लोहा और इस्पात आदि के आयात पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। 

इसके साथ ही भारत के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी इसके उत्पादों को अपने पोर्टल से हटा रहे हैं। निष्कषर्त: भारत ने तुर्किये को पाकिस्तान का साथ देने के लिए रणनीतिक रूप से घेरा है। तुर्किये के व्यापार और वाणिज्य पर भारत की यह एक सफल ट्रेड स्ट्राइक है जिसके परिणाम वर्तमान के साथ निकट भविष्य में और बेहतर रूप से निकलकर आएंगे। यह कदम विश्व के दूसरे विरोधी देशों के लिए भी एक चेतावनी है कि भारत अब न केवल पाकिस्तान बल्कि उसके दुष्कृत्यों में उसका साथ देने वालों को भी अपने तरीके से सबक सिखाएगा।

कुलदीप सिंह भाटी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment